क्या बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तीन बार चुनाव जीत चुकी सिद्धि कुमारी की टिकट भाजपा द्वारा काटी जा सकती है।
क्या बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तीन बार चुनाव जीत चुकी सिद्धि कुमारी की टिकट भाजपा द्वारा काटी जा सकती है।
कोलायत विधानसभा क्षेत्र से हनुमान बेनिवाल की पार्टी से किसी मेघवाल समाज के मज़बूत नेता पर दांव खेलने पर विचार।
(बीकानेर जिले के सभी राजनैतिक दलों के ताज़ा हालात पर बीकानेर की आवाज़ समाचार पत्र की एक्सपर्ट समीक्षा
दिनांक 25 नवम्बर को चुनाव होने हैं । भाजपा ने पिछले दिनों 41 प्रत्यासियों की टिकट की घोषणा कर दी है जिसमें बीकानेर जिले से डूंगरगढ़ क्षेत्र से तारा चन्द सारस्वत को टिकट देने का ऐलान कर दिया गया है ?
इसके साथ ही अन्य छः जगहों पर भी कई नए बदलाव किए जा सकते हैं।बदलाव करने वाले क्षेत्र में सबसे अधिक चर्चा बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के लिए की जा रही है ? चर्चा है कि बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से तीन बार की विधायक सिद्धि कुमारी का टिकट काटा जा सकता है।जिसके लिए कई कारण बताए जा रहे हैं ? सिद्धि कुमारी को पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया की सबसे नज़दीक माना जाता है, आरोप है कि सन 2020 के आपरेशन तख्ता पलट के वक्त जब सचिन पायलट 19 कांग्रेस के विधायको को लेकर 34 दिन तक हरियाणा रहे थे उस वक्त वसुन्धरा राजे सिंधिया ने इस आपरेशन का साथ नहीं दिया था और सिद्धि कुमारी उस समय वसुन्धरा खेमे के साथ थी। दुसरा आरोप यह लगाया जा रहा है कि राज्य सभा के चुनाव में इन्होंने अपना वोट कास्ट ही नहीं किया था चर्चा चल रही है कि विद्याधर नगर क्षेत्र से बीकानेर मूल के रहने वाले पूर्व उप राष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह रजवी की टिकट काट दी गई है, उनकी नाराज़गी दूर करने के लिए उनको बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट दी जा सकती है ? नरपत सिंह वैसे भी बीकानेर पूर्व क्षेत्र के ही रहने वाले हैं ? इसके अलावा सुरेन्द्र सिंह शेखावत, महावीर रांका का भी नाम लिया जा रहा है।शह और मात के खेल में कांग्रेस पार्टी द्वारा भी किसी मज़बूत राजपूत को सामने उतारा जा सकता है ? इस सम्बंध में विश्वजीत सिंह हरासर और राजकुमारी राज श्री के नाम की चर्चा सामने आ रही है। कोलायत विधानसभा क्षेत्र में भी क्षेत्र की जनता बदलाव के मूड में है ? सन 1980 से 2013 तक लगातार 33 साल तक देवी सिंह भाटी यहां से विधायक रहे और सन 2013 से 2023 भंवर सिंह भाटी विधायक रहे, यानि लगातार 43 साल से इस एरिया में राजपूत समाज का ही विधायक रहा है, जबकि यहां सबसे अधिक वोट दलित समाज के हैं जिसमें अकेले मेघवाल समाज के 70,000 के करीबन वोट बताए जाते हैं, इसके अलावा करीबन 35,000 वोट जाट समाज के हैं, करीबन 30,000 वोट मुस्लिम समाज के बताए जा रहे हैं, फिर बिश्नोई, राजपूत, ब्राह्मण तथा मूल ओ बी सी समाज के वोट हैं।प्राप्त जानकारी अनुसार हनुमान बेनिवाल की पार्टी आर एल पी से किसी मज़बूत और प्रभावशाली मेघवाल नेता को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है, ऐसे हालात में कोलायत विधानसभा क्षेत्र का चुनाव बेहद रोमांचकारी हो सकता है नोखा क्षेत्र से हाल ही में सामाजिक न्याय मंच के नेता पूर्व विधायक कन्हैया लाल झवर के बयान की भी राजनैतिक हलकों में खूब चर्चा हो रही हैझवर ने किसी सोशल मीडिया के चैनल पर कहा है कि वे पिछले बहुत सालों से देवी सिंह भाटी से जुड़े हुए हैं, सन 2008,2013 और 2018 में देवी सिंह भाटी ने उनको भाजपा से टिकट दिलाने का प्रयास किया था, उन्होंने यह भी कहा है कि वे भविष्य में भी भाटी जी के साथ ही रहेगें ऐसे में सवाल उठता है कि नोखा में यदि भाजपा ने बिहारी बिश्नोई को टिकट दी तो देवी सिंह भाटी का क्या स्टैंड रहेगा ? वे भाजपा के अधिकृत उम्मीदवार को सपोर्ट करेगें अथवा अपने मित्र का नोखा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से रामेश्वर डूडी की पत्नि सुशीला डुडी अथवा उनके भतीजे अतुल डूडी के नाम की चर्चा सामने आ रही है।लूणकरणसर विधानसभा क्षैत्र में गोदारा जाट के वोटों की तादाद ज्यादा है ? भाजपा से सुमित गोदारा को ही टिकट मिलने की अधिक संभावना बन रही है ? कांग्रेस पार्टी द्वारा फिर से वीरेन्द्र बेनीवाल पर भाग्य आजमाने की चर्चा सामने आ रही है।वीरेन्द्र बेनीवाल पांच विधानसभा और एक गुरुग्राम में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं जिनमें केवल सन 2003 और 2008 के दो चुनावों में ही जीत हासिल कर पाए थे, लेकिन चूंकि अशोक गहलोत से नजदीकी सम्बंध हैं, अशोक गहलोत जी ने सन 2008-2013 के बीच इन्हें स्टेट होम मिनिस्टर बनाया था ? इसलिए चर्चा है कि लूणकरणसर से वीरेन्द्र बेनीवाल का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है, जबकि बहुत सारे जाट नेता इनका विरोध कर रहे हैं। पिछले दिनों कांग्रेस की एक महिला पर्यवेक्षक रंजीता रंजन बीकानेर शहर में आई थी, जो बार बार एक टिकट महिला को देने की वकालत कर रही थी, जानकारों का मानना है कि खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र से गोविन्द राम चौहान की पुत्री सरिता चौहान को कांग्रेस पार्टी से मैदान में उतारा जा सकता है ? सरिता चौहान पूर्व में खाजूवाला पंचायत समिति की प्रधान रह चुकी है, वर्तमान में इलेक्टेड जिला परिषद् सदस्य है, पी सी सी सदस्य और राजस्थान भूदान बोर्ड की भी सदस्य है। डूंगरगढ में कांग्रेस पार्टी से पूर्व विधायक मंगला राम गोदारा को ही टिकट देने की चर्चा चल रही है।पिछले दिनों गोविन्द सिंह डोटासरा ने डूंगरगढ़ में एक सभा में कहा था कि हम मंगला राम जी को टिकट देकर भेज रहे हैं, आप इनको जीता कर भेजना।मंगला राम मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत के भरोसेबंद व्यक्ति हैं और गोदारा जाट हैं जिसका लूणकरणसर में भी फ़ायदा मिल सकता है।बीकानेर पश्चिम से कांग्रेस पार्टी से बी डी कल्ला जी की ही चुनाव लड़ने की संभावना है ।शहर के पाटा गजट में यह भी चर्चा की जा रही है कि उनकी धर्म पत्नि को महिला कोटे से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। बीकानेर पश्चिम क्षेत्र से भाजपा पार्टी से कोई मज़बूत दावेदार का नाम नहीं लिया जा रहा है। दबे स्वर में यह भी चर्चा चल रही है कि मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत स्वयं या उनका पुत्र वैभव गहलोत को बीकानेर जिले की राजनीति में उतारा जा सकता है इस स्थिती में बीकानेर जिले की सातों सीटों पर जबरदस्त प्रभाव पड़ सकता है और चुनाव बेहद रोचक और रोमांचक हो सकते हैं।देखते हैं कि बीकानेर जिले का भविष्य क्या रह पाता है। बीकानेर जिले का मुस्लिम समाज बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की ही भूमिका को अंजाम देता हुआ ही लग रहा है ? बीकानेर का मुसलमान कांग्रेस के नेताओ और उनके परिवार के सदस्यों के जन्मदिन के केक काटने, उनके लिए दरगाहों में दीर्घायु की दुआ करने, उनके कुशल होने के लिए गायों को चारा और गुड़ खिलाने में ही बेहद खुश हो रहा है, उनके लिए इसी का नाम सियासत है ?
फकत बीकानेर की आवाज़ बीकानेर ।