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बीकानेर के स्थापना दिवस पर चंदा महोत्सव और सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम आयोजित होंगे

आईरा समाचार बीकानेर। बीकानेर नगर की स्थापना को हुए 535 साल हो गये है। यूं तो अक्षय द्वितीया को बीकानेर नगर की स्थापना हुई थी, किंतु स्थापना के दिवस को अक्षय तृतीया के मौके पर धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बीकानेर में जमकर पतंगबाजी होती है। यही नहीं इस दिन मोठ-बाजारे के खीचड़े के साथ बड़ी की सब्जी और दुलड़िया फुलके जिन पर घी लगा होता है बनाये जाते है तथा इनके साथ इमलाणी यानी ईमली का रस भी पीया जाता है ताकि गर्मी न लगे। खबर में बता दें कि ईमलाणी की तासिर ठंडी होती है और लू व गर्मी नहीं लगती। बीकानेर नगर स्थापना को लेकर शहर के लोग जोरशोर के साथ तैयारियों में जुटे है।बीकानेर नगर स्थापना दिवस कार्यक्रमों की श्रंखला में 20 अप्रैल को चंदा महोत्सव और 21 को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। जिला प्रशासन, नगर विकास न्यास, राज. संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर तथा समिति के संयुक्त तत्वावधान में चंदा महोत्सव लक्ष्मीनाथ मंदिर के सामने स्थित गणेश मंदिर परिसर में होगा। इसमें शहर के 10 चंदा कलाकारों द्वारा विभिन्न संदेश उकेरे हुए चंदे उड़ाए जाएंगे।उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि राव बीकाजी ने बीकानेर की स्थापना के समय सूर्य के आकार के गोल चंदे में अपनी पगड़ी रखकर सूर्य देवता को अर्पित की थी तथा बीकानेर की खुशहाली की कामना की थी। तब से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 21 अप्रैल को लक्ष्मीनाथ पार्क परिसर में भव्य सांस्कृतिक संध्या आयोजित होगी।

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