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राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला, आपदा राहत मंत्री गोविन्द राम चौहान और बीकानेर जिले के चन्द तथाकथित मुस्लिम रहनुमाओं की मीटिंग

एडवोकेट मोहबत अली तंवर बीकानेर, राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री बी डी कल्ला, आपदा राहत मंत्री गोविन्द राम चौहान और बीकानेर जिले के चन्द तथाकथित मुस्लिम रहनुमाओं की मीटिंग क्या बीकानेर जिले के मुस्लिम समाज के तमाम मशायल हल कर दिए गए हैं ?  क्या हमें यह नारा देना चाहिए कि ALL IS WELL
दिनांक 17 दिसम्बर 2018 को राजस्थान सरकार का शपथ ग्रहण का समारोह जयपुर में राम निवास गार्डन में रखा गया, प्रारम्भ में सरकार में एक मुस्लिम विधायक सालेह मोहम्मद को वक्फ और अल्प संख्यक मामलात का मंत्री बनाया गया, करीब तीन साल बाद जाहिदा बेगम को प्रिंटिंग प्रेस का राज्य मंत्री बना दिया गया ?
बीकानेर जिले की सातों सीटों पर मुस्लिम समाज ने कांग्रेस पार्टी को शत प्रतिशत वोट दिए।
सरकार में मुस्लिम समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला, यह दर्द समाज को रहा ? बीकानेर जिले के मुस्लिम समाज को सत्ता में कोई अहमियत नहीं दी गई ?
बीकानेर जिले से तीन विधायक की जीत हुई और इन तीनों को मंत्री बना दिया गया ? रामेश्वर डूडी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर एक आयोग का अध्यक्ष बना दिया गया, महेन्द्र गहलोत को केश कला बोर्ड का अध्यक्ष, लक्ष्मण कड़वासरा को भूदान बोर्ड चैयरमेन, मदन गोपाल मेघवाल को अंबेडकर फाउंडेशन का अध्यक्ष बना कर राजनैतिक रूप से इनामात दिए गए ?
बीकानेर शहर के मुसलमान यू आई टी चैयरमैन या किसी और जगह कोई लाल बत्ती की चाहना रखने लगे ? लगातार तीन साल सैंकड़ों लोग जयपुर के चक्कर लगाते रहे, बीकानेर जिले के कांग्रेसी नेताओं की जयकार लगाते रहे, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ ?
यह दर्द बीकानेर जिले के करीबन ढाई लाख मुस्लिम मतदाता को सूल की तरह चुभता रहा ?
खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में मुसलमानों की मेजोरिटी थी, 60,000 के लगभग मुस्लिम वोटर बताए जा रहे हैं, क्षेत्र में 27 मुस्लिम सरपंच बताए जा रहे हैं, कई पंचायत समिति सदस्य हैं ?
मुसलमानों को लगा कि यदि खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र कभी स्वर्ण सीट हो जायेगी तो मुस्लिम समाज का भी विधायक बन जायेगा ? मुसलमान मुंगेरी लाल बन हसीन सपने देखने लग गया था ?
खाजूवाला और छतरगढ़ एरिया को कांग्रेस सरकार ने अनुपगढ़ जिले में शामिल कर करीब 30,000 वोट को खाजूवाला क्षेत्र से कम कर नए अनुपगढ़ जिले में डाल दिया ?
अब यह मुस्लिम मेजोरिटी खत्म हो गई ? मुस्लिम राजनीति के आगे स्पीड ब्रेकर बना दिया गया ?
जिले के मुस्लिम समाज में एक नाराज़गी, एक आक्रोश उत्पन्न होने लग गया ?
अगस्त 2023 को नदीम जावेद नाम के केन्द्र में बैठे कांग्रेस के एक नेता को मुसलमानों की नब्ज़ टटोलने के वास्ते बीकानेर भेजा गया ?
प्राप्त जानकारी अनुसार नदीम जावेद से जो कुछ नेता स्वयं सागर होटल में मिलने गए, उनसे ही बातचीत की गई ?
बीकानेर जिले में करीबन ढाई लाख मुस्लिम मतदाता हैं लेकिन नदीम जावेद ने बीकानेर जिले के कांग्रेसी विद्यायकों से सलाह मशविरा किया और देहात तथा शहर के करीबन 90 चुनिंदा लोगों की लिस्ट बनाई, यकीनन इनमें अधिकतर तथाकथित रहनुमा वे थे जो इन नेताओं के गुडबुक के थे ?
दिनांक 14 सितम्बर 2023 को प्रदेश के मुख्य मंत्री आवास पर एक मीटिंग रखी गई ?
मीटिंग में विधायकों से संबंधित उन्हीं के समर्थकों को ही विशेष रूप से बुलाया गया ?
ग्रामीण क्षैत्र से बुलाए गए एक मुस्लिम नेता ने तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि हमारे विधायक महोदय सन 2018 में तो केवल 32,000 वोट से जीते थे इस दफा हम उन्हें 50,000 वोट से जीता कर भेजेंगें ?
एक सरपंच ने अति भक्ति दिखाते हुए कहा कि हम मुसलमानों को कोई अफ़सोस नहीं है कि मुख्य मंत्री ने किसी मुसलमान को कोई पद दिया है अथवा नहीं ? या किसी मुसलमान को मंत्री नहीं बनाया ? मुख्य मंत्री जी ने हमारे विधायक को मंत्री बना दिया, यह हमारे लिए बहुत खुशी और गौरव की बात है ?
इस पर नदीम जावेद को बीच में बोलना पड़ा कि मुझे तो लगा था कि बीकानेर जिले के मुसलमानों में भारी नाराज़गी है लेकिन अब लगता है कि मुसलमान तो बहुत खुश है, और इनको कोई नाराज़गी ही नहीं है ?
सवाल उठता है कि बीकानेर जिले के ढाई लाख वोटर्स की भावनाओं का फ़ैसला इन चन्द तथाकथित रहनुमाओं को किसने करने का अधिकार दिया ?
सवाल यह भी खड़ा होता है कि यदि अशोक गहलोत साहब को बीकानेर जिले के मुसलमानो की शिकायतें सुननी ही थी तो उनको क्षेत्र के दोनों विधायकों को मौके पर सबके सामने मीटिंग में बिठा कर रखना नहीं चाहिए था ?
क्या कोई मुसलमान इन नेताओं के सामने ही इनकी कोई शिकायत कर सकता है ?
चर्चा यह भी है कि कहीं यह सब कुछ प्रायोजित तो नहीं था,और
सारी स्क्रिप्ट पहले से ही लिखी जा चुकी थी ?
लोग पूछ रहे हैं कि क्या बीकानेर जिले के मुसलमानों की जायज़ मांगों को सरकार द्वारा मान लिया गया है ?
क्या मीटिंग में गए मुस्लिम रहनुमाओं की कोई मांग भी थी या नहीं, या केवल अपनी अपनी रोटियां ही सेकी जा रही थी ?
बीकानेर पूर्व और पश्चिम क्षेत्र में मुस्लिम समाज के 80,000 से अधिक वोट माने जा रहे हैं और शत प्रतिशत लोग कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता है, कांग्रेस की दरियां बिछाते हैं, नेताओं के लिए उछल उछल कर नारे लगाते हैं , क्या फिर भी शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद किसी मुसलमान को नहीं देना चाहिए था ?
बीकानेर जिले की सात सीटों में किसी एक जगह से किसी मुसलमान को टिकट दिए जाने की भी मांग उठ रही थी ?
कहते हैं कि सन 2008 में डॉक्टर तनवीर बीकानेर पूर्व से हार गए इसलिए भविष्य में मुसलमान को हार जाने के लिए टिकट कैसे दी जा सकती है ?
सन 2013 में बीकानेर पूर्व से माली समाज के गोपाल गहलोत को कांग्रेस की टिकट दी गई थी ? प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सन 2013 के चुनाव में भाजपा की सिद्धि कुमारी को 60 प्रतिशत वोट मिले थे और गोपाल गहलोत को केवल 35 प्रतिशत वोट ही मिले थे ? गोपाल गहलोत की 31,677 वोट से हार हुई ? लेकिन क्या इससे भविष्य में माली समाज के किसी भी नेता के टिकट मांगने के अधिकार को छीना जा सकता है ?
जबकि सन 2018 में फिर माली समाज के यशपाल गहलोत को बीकानेर पूर्व से कांग्रेस की टिकट देने का प्रयास किया गया था ?
अभी भी सन 2023 में बीकानेर पूर्व से किसी माली समाज के लीडर को टिकट दी जाने की चर्चा चल रही है और संभवतः टिकट किसी माली समाज के नेता को मिल भी सकती है ?
तो फिर मुस्लिम समाज को टिकट क्यों नहीं दी जा सकती है ?
पिछले छः महीने से खाजूवाला और छतरगढ़ एरिया की जनता परेशान हो रही है, 40 दिनों से सब कुछ बन्द पड़ा है, बहुत भारी नुकसान हो चुका है ?
कौन जिम्मेदार है जनता की इस परेशानी के लिए ?
जनता में यह सवाल भी किया जा रहा है कि क्या खाजूवाला और छतरगढ़ को वापस बीकानेर जिले में शामिल कर दिया जायेगा ?
क्या बीकानेर जिले की सात सीटों में किसी एक पर पर भी मुस्लिम समाज को टिकट देने का सोचा जायेगा ?
मुस्लिम नेता कहते हैं कि मुख्य मंत्री जी के चेहरे के हाव भाव से लगता है कि खाजूवाला और छतरगढ़ एरिया संभवतः बीकानेर जिले में ही रख दिया जायेगा ? क्या मुख्य मंत्री महोदय द्वारा कोई आश्वासन दिया गया ?
माना जा रहा है कि खाजूवाला प्रकरण का नुकसान बीकानेर जिले की सातों सीटों पर कांग्रेस को हो सकता है ?
क्या इस मीटिंग के बाद नाराज़ मुसलमान अब खुश हो गए हैं और बीकानेर जिले की सातों सीटों पर इन कांग्रेस के नेताओं को सपोर्ट करेगें ?
क्या अब मुस्लिम समाज का कांग्रेस के नेताओं से कोई गिले शिकवे अब बकाया नहीं है ?
कौन फ़ैसला करेगा ???
फकत
बीकानेर की आवाज़

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