सीएम गहलोत के बीकानेर दौरे की सियासी झलकियां मुकेश पुनिया बीकानेर,
गहलोत के बीकानेर दौरे की सियासी झलकियां
www.aira varta news मुकेश पूनिया
आईरा समाचार बीकानेर। चुनावी साल में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरने मंगलवार को आधे दिन के लिये बीकानेर दौरे पर आये सीएम अशोक गहलोत,प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के कार्यक्रमों में काफी गहमा गहमी का माहौल रहा,इस दौरान कई कांग्रेसी नेता अपने सियासी आकाओं के करीब पहुंचने के लिये पुलिस प्रोटोकॉल तोड़ते दिखे,वहीं उत्साही कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा बंदोबश्तों की लक्ष्मणरेखा लांघ कर अपने चेहते मंत्रियों और नेताओं के समर्थन मे नारेबाजी से शक्ति प्रदर्शन किया। प्रस्तुत है आज बीकानेर में गरमाये कांग्रेस के सियासी माहौल की दिलचस्प झलकियां ।
–———————–नहीं दिखा डूडी का जलवा
बीकानेर आगमन पर सीएम अशोक गहलोत और उनके साथ आये कांग्रेस नेताओं के कार्यक्रमों का आगाज यहां डूंगर कॉलेज छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन से हुआ। इस दौरान बीकानेर कांग्रेस के तमाम बड़े नेता मंच पर नजर आये मगर केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त रामेश्वर डूडी नहीं दिखे,सिर्फ मंच पर ही नहीं बल्कि मौके पर लगे भव्य बैनर में भी डूडी का फोटो गायब था। बाद में पता चला कि इस कार्यक्रम की कमान डूडी विरोधी एनएसयूआई नेताओं ने संभाल रखी थी,जिन्होने जानबूझ कर डूडी को किनारे कर रखा था। मजे कि बात तो यह रही कि कार्यक्रम स्थल के बाहर डूडी के समर्थन में नारों की गूंज सुनाई देती रही।
—————-सम्मेलन में गूंजे डॉ.कल्ला के नारे
तेरापंथ भवन में आयोजित सम्मेलन चल रही नेताओं की भाषणबाजी के दौरान शिक्षामंत्री डॉ.बीडी कल्ला के उत्साह समर्थन लगातार नारेबाजी कर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे,इससे सीएम गहलोत कुछ असहज दिखे तो मंच पर मंच डॉ.कल्ला ने समर्थक कार्यकर्ताओं को थोड़े कड़े तैवर दिखाकर शांत करवा दिया। लेकिन जैसे ही सम्मेलन का समापन हुआ कल्ला समर्थकों ने फिर से नारेबाजी शुरू कर दी।
–———————खफा हो गये डोटासरा
यहां तेरापंथ भवन में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में गहलोत,रंधावा और डोटासरा के साथ सत्ता और संगठन के बड़े कद वाले नेताओं मंच पर बुलाया जाना था,मगर मंच संचालन कर महेन्द्र सेन गहलोत ने अपने चहेते कई नेताओं को मंच पर बुलाना शुरू कर दिया,इससे मंच पर अव्यवस्थाएं सी कायम होने लगी । इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा काफी खफा दिखे ।
—————उतरवा ली काली टोपी और गमच्छे
तेरापंथ भवन में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान सुरक्षा बंदोबश्तों के लिये मुस्तैद पुलिस वालों की काले कपड़ों वालों पर खास नजर रही,इस दौरान कोई काली टोपी,गमच्छा या काली टी-शर्ट पहने हुए भी आया तो पुलिस कर्मियों ने उन्हे अंदर जाने से रोक दिया । एक महिला कांग्रेस कार्यकर्ता को उसकी काली चुन्नी के कारण अंदर नहीं जाने दिया। मजे कि बात तो यह रही कि सम्मेलन में खुद अशोक गहलोत काले रंग की हाफ जैकेट पहने हुए थे।
——————–सबको दिये पांच-पांच मिनट
चुनावी सरगर्मियों की गहमा गहमी के बीच तेरापंथ भवन में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में मंच पर विराजमान सीएम अशोक गहलोत ने अपने समर्थक तमाम नेताओं को बातचीत के लिये पांच-पांच मिनट दिये। ऐसे में जब मंच पर भाषण चल रहे थे,तब एक के बाद एक नेता नंबर लगाकर सीएम से बातचीत कर अपना फोटों सेशन करवा रहे थे और इसकी मोनिटरिंग सीएम के पीछे बैठे उनके खास सलाहकार लोकेश शर्मा कर रहे थे। नंबर लगाकर सीएम से बातचीत करने वालों में पूर्व मंत्री विरेन्द्र बेनीवाल और पूर्व विधायक मंगलाराम भी प्रमुखता से शामिल रहे।
————-तीन नेताओं ने कर दिया कोरम पूरा
गहलोत सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज बीकानेर के मुस्लिम कांग्रेस नेताओं ने विरोध दर्शाने के लिये सोमवार शाम ही कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने का बहिष्कार कर दिया था। जिन्हे खुद डॉ.बीडी कल्ला ने भी समझाया,इसके बावजूद बीकानेर के मुस्लिम कांग्रेस नेता यहां सीएम गहलोत के कार्यक्रमों में नहीं दिखे। ऐसे में जब मुस्लिम समाज के तीन नेता सम्मेलन में नजर आये तो सुगबुगाहट शुरू हो गई । मजे कि बात तो यह है कि सीएम गहलोत ने भी तीनों नेताओं का मुस्करा कर अभिवादन किया।
———————हवा हो गये ट्रेफिक रूल्स
कांगे्रस के सम्मलेन में शामिल होने के लिये बीकानेर देहात नेताओं के काफिलों में शामिल ज्यादात्तर कैंपर और पिकअप गाडिय़ों में कार्यकर्ता ओवरलोड़ होकर पहुंचे। हैरानी की बात तो यह है कि यातायात नियमों के विरूद्ध होने के बावजूद पुलिस ने इन गाडिय़ों को कहीं नहीं रोका,शहर के पुलिस नाकों और हाईवे के टोल नाकों से भी यह गाडिय़ा बिना किसी अवरोध के निकली। इनमें कई गाडिय़ा ब्लैक शीशे वाली और आगे लोहे के गाटर लगी हुई थी। पुलिस विशेष अभियान के तहत ऐसी गाडिय़ों की धरपकड़ कर रही है,लेकिन सियासी दबाव के चलते मंगलवार को ऐसी एक भी गाड़ी को नहीं रोका गया।