Logo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब ने गुजरात जीता , रिकॉर्डतोड़ जीता लेकिन कुर्सी का यह रंग उफ्फ्फ,

आईरा समाचार अख्तर अकेला की कलम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब ने गुजरात जीता , रिकॉर्डतोड़ जीता ,, लेकिन कुर्सी का यह रंग , उफ्फ्फ , देख लो , समझ ,लो , इस फलसफे को समझो , पहचानो , के कुर्सी के लिए , कुर्सी के जोड़तोड़ के लिए चाहे कुर्सी बदरंग हो जाएँ , पेवंद लगी हो ,बस कुर्सी तो कुर्सी रहना ही चाहिए , यह कुर्सी का रंग , कुर्सी की बनावट , इस देश के लोकतंत्र के लिए बढ़ा , बहुत बढ़ा संदेश है ,भाजपा के स्टारप्रचारक नरेंद्र मोदी ,, ने विकट ,हालात ,,, महंगाई , गरीबी , ,भुखमरी ,, बेरोज़गारी ,, गुजरात में सरकार की विफलता मामले में विरोध , पेट्रोल , डीज़ल, गेस सिलेंडर वगेरा की कीमतों में बेहिसाब वृद्धि, सहित कई आरोपों के बावजूद भी नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार ने , रिकॉर्ड जीत हांसिल की ,, है ,,, यकीनन चुनाव जीतने के ,लिए , अगर क़ायदे ,, , क़ानून ,, मर्यादाएं ताक में रख दें ,, तो भाजपा चाहे पिछड़ रही हो , फिर भी जुगाड़, जोड़ तोड़ , बेमेल , पेवंदबाज़ी से चुनाव जीतने की जादूगरी उनमे हैं , नरेंद्र मोदी , गुजरात में भाजपा को मिक्सिंग कर ,, मिक्सचर ,, पेवंदनुमा , बना कर आखिर चुनाव जीते हैं , उन्हें बधाई ,, मुबारकबाद ,, लेकिन देश की जनता के लिये , देश के लोकतंत्र समर्थकों के लिए , एक फ़िक्र , एक सोच , एक विचार सामने है , ज़रा सोचे , अंतर्मन से आवाज़ ,उठायें ,,एक प्रधानमंत्री , एक गृहमंत्री, जो किसी एक पार्टी के नहीं , पुरे देश के हैं , हर शख्स के है , एक सो चालीस करोड़ के हैं , वोह प्रधानमंत्री जिन पर परिवार का बोझ नहीं है , ना पत्नी हैं , ना बच्चे हैं , हिंदुस्तान का हर बच्चा उनका अपना बच्चा है , वोह प्र्धानमंत्री जो , अट्ठारह घंटे काम करते हैं ,, वोह प्रधानमंत्री , जो नैतिकता के खिलाफ खूब भड़ककर बयान देते हैं , फ़िज़ूल खर्ची , सरकारी खर्च को , खुद पर नहीं करने की बात करते ,हैं जी हाँ वही प्रधानमंत्री जी , पुरे देश के प्रधानमंत्री के पद के कर्तव्यों को भुलाकर,गुजरात में ग्रह मंत्री के साथ डेरा डालते हैं ,, सरकारी हवाई जहाज़ ,सरकारी कर्मचारी , सरकारी सुरक्षा , करोड़ों करोड़ रूपये प्रतिदिन का ,खर्च और देश के लिए कोई काम नहीं , ,सिवाए , भाजपा की सरकार बनाने के ,लिए सभाएं , नुक्क्ड़ सभाये रोड शो , ,एक दिन नहीं , दो दिन नहीं , ऐक महीने से भी ज़्यादा ,, यानी , सुरक्षा खर्च एक महीने का भी मान , लें , तो देश की आम जनता के टेक्स से वसूली गई , एक अरब से भी ज़्यादा का खर्च , फिर ज़ाहिर है , ,अगर एक प्रधानमंत्री किसी राज्य में हैं ,तो फिर मुख्य सचिव , पुलिस महानिदेशक, पुलिस ,प्रशासन के सभी अधिकारी , सुरक्षात्मक ज़िम्मेदारियों के , साथ नियंत्रित रहते ,है वफादार लोग , इशारों को समझते हैं , और इशारों ही इशारों में काम होता रहता है ,, खेर यह तो बात हुई , सरकारी खज़ाने की सुरक्षा , खर्च ,पर भाजपा प्रचार की , अब चुनाव आयोग की निष्पक्षता ,, सवालिया निशान हो भी जाए , तो क्या फ़र्क़ पढ़ता है , फिर गुजरात में भाजपा का बचा क्या है , ,नैतिकता के नाम पर , कांग्रेस में गए हार्दिक पटेल का एक महिला के साथ , जब विडिओ वाइरल हुआ तो यह लोग हार्दिक पटेल को गिरफ्तार ,करने कांग्रेस से निष्कासित करने की मांग उठा रहे थे, वही हार्दिक पटेल इन्हे ऐसे भाये के उन्हें अपना सब कुछ ज़िम्मेदार बना डाला , ,फिर भी सब्र नहीं हुआ,तो ,, कांग्रेस के दो दर्जन के लगभग विधायक , राज्य सभा के चुनावों के पूर्व चुनाव जीतने के लियें, सभी नैतिकता ताक में रख भाजपा का हिस्सा बना लिया,, कांग्रेस भाजपा में शामिल हो गयी , और भाजपा कांग्रेस युक्त हो गई , ,ऐसे में भाजपा की न तो नैतिकता बची ,ना भाजपा का विचार ही ज़िंदा रहा , कांग्रेस की हिस्सेदारी के साथ कांग्रेस युक्त , भाजपा चुनाव लड़ी , और अब , सरकार भी , कुर्सी भी , कांग्रेस युक्त , है ,, कांग्रेस के वोट भी हैं , कांग्रेस के विचारधारा वाले , विधायक भी हैं , प्रत्याक्षी भी हैं , अभी सरकार में आगे और हिस्सेदार रहेंगे, ऐसे में जुगाड़ कहो , नैतिकता विहीन कहो , कुछ भी ,कहो लेकिन जो जीता वोह सिकंदर होता है , मोदी जी जीत गए , रिकॉर्ड तोड़ वोटों से जीते तो फिर , हमारे देश के टेक्स से कमाए , करोड़ों करोड़ रुपये , गुजरात चुनाव में इनके सुरक्षा खर्च पर हुए भी तो क्या , भाजपा के चुनावी खर्च से वोह रुपया थोड़ी लिया है , सभाओं के नाम पर जो अतिरिक्त सुविधाएं ली ,हैं चुनाव आयोग ने उन पर उज़्रदारी थोड़ी की है , फिर कांग्रेस और आप पार्टी , वहां तो वॉक ओवर पर ,थी केजरीवाल तो खेर जैसे है ,वैसे है , लेकिन कांग्रेस के टिकिट , चुनाव प्रचार सभी तो प्रत्याक्षियों के भरोसे था, स्टार प्रचारक गायब , टीम गायब , इलेक्शन वार रूम के ज़िम्मेदार , भारत को जोड़ने के ज़िम्मेदार थे , कोंग्रेस की इतनी मदद से भाजपा को जब फायदा नहीं होता दिखा , तो कोंग्रेसियों ने डंके की चोट पर , अपने परम्परागत अल्पसंख्यक वोटर्स की उपेक्षा की , नजरअंदाजी की ओर अपना हिंदुत्व चेहरा सामने किया फिर अल्पसंख्यक विहीन कोंग्रेस को ना हिन्दू मिला ना मुस्लिम वोट मिला और भाजपा की हो गयी बल्ले बल्ले, भारत जोड़ो यात्रा, कोंग्रेस में हिंदुत्व का छद्म सन्देश ज़रूरी था, क्योंकि चुनाव तो पांच साल बाद फिर आ जाएंगे,और अगर कांग्रेस के कुछ और विधायक जीत भी जाते , तो गारंटी कोनसी थी के वोह कांग्रेस के वफादार रहते, फूल छापियों की तरह , कमल के साथ नहीं जाते, या फिर बिक कर ,, किसी लालच में आकर , कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल नहीं हो , जाते ,, तो कैसे जीतें चुनाव ,, कुछ भी हो , कैसे भी हो , जीतकर आएं , यह फार्मूला नापसंद हो तब भी जो जीता वही सिकंदर की कहावत तो साबित करता ही हैं , इसलिए इस बदरंग , बेमेल ,, कांग्रेस के गद्दारों के पेवंद से बनी इस कुर्सी की शक्ल पर मत जाओ , नैतिकता की दुहाई देने वालों ने जिस हार्दिक पटेल , को , वीडियो वायरल करके ,, महिला के साथ बताकर, नैतिकता की दुहाई देते ,हुए कांग्रेस को अनैतिक बताया था, आज वोह इसी को गले लगाकर , कुर्सी के लिए कुछ भी करेगा , की अनैतिक कहावत को भी चरितार्थ कर रहे हैं ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.