Logo

अशोक गहलोत को आमीन कायमखानी को तुरंत बहाल कर जयपुर वापस लगाना चाहिए,अन्यथा भविष्य में कांग्रेस पार्टी को जबरदस्त नुकसान भुगतना पड़ सकता,

उर्दू टीचर अमीन खान कायमखानी को सस्पेंड करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण ? क्या 2023 के चुनाव में कांग्रेस को अल्पसंख्यक वोटों से परहेज़ है ? कौन है जो कांग्रेस की जड़ों में तेल दे रहा है  बीकानेर की आवाज़  राजस्थान शिक्षा विभाग में कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं का विरोध और असंतोष दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है । पूर्व में कांग्रेस पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने विरोध किया और आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग में कांग्रेस विचारधारा और कांग्रेस को वोट देने वालों का चुन चुन कर बाहर गावों में ट्रान्सफर किया जा रहा है और उनकी जगह आर एस एस से सम्बन्धित मास्टरों को शहरों में लाया जा रहा है । पिछले दिनों बीकानेर में जाट समाज के लोगों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि शिक्षा विभाग के डायरेक्टर ऑफिस से जाटों को गांवों में भेजा गया है, और उनकी जगह पर संघ के लोगों को लगाया गया है ? इन लोगों ने 17 प्रिंसिपल स्तर के लोगों की लिस्ट भी सार्वजनिक की, इन लोगों ने अपनी शिकायत गोविन्द सिंह डोटासरा से भी की थी! दिनांक 5 सितम्बर को जयपुर में बिरला ऑडोटोरियम हॉल में कुछ टीचर्स को ईनाम देने का कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय की ओर से रखा गया था, जिसमें स्टेज पर शिक्षा मंत्री श्री बी डी कल्ला मुख्य अतिथि थे ! अमीन खान कायमखानी उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष हैं, इसलिए उनको निमंत्रण पत्र देकर बुलाया गया था ! राजस्थान में हालांकि कांग्रेस की सरकार है लेकिन यह हकीकत है कि उर्दू के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है ।

कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में भी लिखा गया बताया गया है और मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत ने भी आदेश जारी किया हुआ है कि जिस स्कूल में 20 बच्चे उर्दू पढ़ने वाले हैं तो उनके लिए उस स्कूल में उर्दू टीचर लगाया जायेगा । लेकिन अफ़सोस! व्यवहार में ऐसा नहीं हो रहा है ? अमीन खान कायमखानी की राजस्थान में एक प्रतिष्ठा है, उर्दू के लिए बेहतरीन कार्य किए हैं उन्होंने , एक संघर्ष शील व्यक्तित्व के धनी हैं ।अमीन खान कायमखानी ने कल्ला जी के सामने मांग रखी कि कांग्रेस राज में उर्दू के साथ भेदभाव बन्द किया जाए और मुख्य मंत्री के आदेश की पालना की जाए। चूंकि इस प्रोग्राम में शिक्षा से सम्बन्धित लोग ही मोजूद थे ! लेकिन दुर्भाग्यवश बीकानेर के चंद मुस्लिम अंध भक्त भी इस प्रोग्राम में थे जिनको इस प्रोग्राम में शामिल नहीं होना चाहिए था? ऐसे लोग पहले भी चुनाव के दिनों में अपनी अति भक्ति और बचकाना हरकतों से कांग्रेस की बेइज्जती करवा चूके थे और कांग्रेस प्रत्याशी को प्रेस के कठघरे में खड़ा कर दिया थाऔर पूरे देश में निन्दा का शिकार बना दिया था ।साजिद सुलेमानी नामक बीकानेर शहर के एकशख्स ने अमीन खान कायमखानी को मीटिंग में जबरन पकड़ लिया और घसीट कर अति भक्ति में मीटिंग से बाहर ले गया, यह विडियो में देखने को मिला, इसके साथ हाल ही में राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष बने अता हुसैन कादरी भी उसके साथ था ? ये लोग किस हैसियत से इस प्रोग्राम में गए , इसकी चौतरफा निंदा हो रही है ? मुसलमानों में तनखैया किस्म के और तेल लगाने वालों की भरमार हो रही है , हालांकि इन दिनों हर शहरों में ऑफिशियली भी जगह जगह मशाज सैंटर खुले हुए हैं ? आज दिनांक 6 सितम्बर को अमीन खान कायमखानी को शिक्षा विभाग द्वारा सस्पेंड कर बांसवाड़ा लगा दिया गया है ? निश्चित रूप से शिक्षा मंत्री की सहमति के बिना यह सम्भव नहीं है ? अफ़सोस! हमारी नज़र में यह अच्छा नहीं हुआ ? यह कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद आत्मघाती कदम होगा ? इसका रिएक्शन समुचे राजस्थान में होगा, जिसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को हर हाल में चुनाव में पुरे राजस्थान में भुगतना पड़ेगा ?  इन दिनों बीकानेर शहर में चंद मुस्लिम अंध भक्तों के लिए आम जनता के बीच एक चर्चा की जा रही है कि बीकानेर शहर के सात-आठ मुस्लिम छुटपइए लोगों ने समूचे मुस्लिम समाज का वकार ही खतम कर दिया है, इससे कांग्रेस को फ़ायदा नहीं बल्कि भारी नुकसान पहुंच रहा है ? एक नए नए मुस्लिम कांग्रेसी नेता ने अमीन खान कायमखानी का विरोध भी किया है और उसके सस्पेंशन को अति भक्ति में जायज़ ठहराने का प्रयास किया है ?मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत को अमीन खान कायमखानी को तुरंत बहाल कर जयपुर वापस लगाना चाहिए, अन्यथा भविष्य में कांग्रेस पार्टी को जबरदस्त नुकसान भुगतना पड़ सकता है ?

सैयद महमूद
सम्पादक बीकानेर की आवाज़

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.