बीकानेर के गिरोह ने हवाला के जरिये देशभर के महानगरों में खपा दिये अरबों के जाली नोट
आईरा वार्ता अख्तर इक़बाल बीकानेर। बीते साल भर से बीकानेर में सक्रिय रहे नकली नोट छापने वाले गिरोह ने हवाला के जरिये देशभर के महानगरों में अरबों रूपये के नकली नोट खपा दिये । इसका खुलासा होने के बाद अब आरबीआई और राजस्व खुफियां ऐजेंसिया भी सक्रिय हो गई है। जो यह पता लगाने में जुटी है कि गिरोह ने किन-किन महानगरों में कितने रूपये के नकली नोट खपाये है। इस बीच रविवार को कोटगेट पुलिस थाने में आयेाजित प्रेस कांफ्रे स में आईजी बीकानेर रैंज ओमप्रकाश पासवान ने नकली नोट माफिया गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बताया कि बीकानेर यह गिरोह पूरे देशभर में सक्रिय है और हवाला के जरिये बड़ी मात्रा में नकली नोट इधर से उधर करता है। गिरोह में शािमल छह लोगों को बीकानेर पुलिस तथा एक जने को हरियाणा मे ंदबोचा गया है।आईजी बताया कि इस गिरोह की चैन काफी बड़ी है,अभी ओर लोगों को गिरफ्तारी होगी जिन्हे डिटेन कर लिया गया है। इनमें कई हवाला कारोबारी भी शामिल है । गिरोह के लोग वृंदावन एन्कलेव कॉलोनी के मकान नम्बर 670 में एक नामी कंपनी के प्रिंटर से नकली नोट छाप रहे थे। इनके कब्जे से फिलहाल पौने तीन करोड़ के नकली नोट बरामद किये गये है। इन नोटों में दो हजार और पांच सौ के नोट ज्यादा है। नोट छापने के लिये यह लोग हाई क्वालिटी का प्रिंटर,स्नैकर और स्याही काम में ले रहे थे। हुबहू जाली नोट छापने में माहिर गिरोह के लोग यह सारे नोट हवाला के जरिये ही खपा रहे थे। अब तक ही जांच पड़ताल में पता चला है कि गिरोह के लोग हवाला के जरिये रदिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, पुणे, चैन्नई बैंगलोर, पटना, गुवाहाटी, शिलोंग , लुधियाना, चण्डीगढ़, सूरत, अहमदाबाद, वृंदावन, बनारस, गाजियाबाद आदि शहरों में जाली नोट की सप्लाई कर रहे थे। गिरोह के लोगों के तार सीधे तौर से हवाला कारोबारियों से जुड़े हुए है। इन कारोबारियों का पता लगााय जा रहा है।महिने भर से पुलिस की रडार में था गिरोह।आईजी ओम प्रकाश पासवान ने बताया कि यह जाली नोट छाप कर हवाला के जरिये सप्लाई करने वाले इस गिरोह के लोग पिछले एक महिने से पुलिस की रड़ार पर थे। पुलिस की विशेष टीम इस गिरोह की हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रख रही थी। शनिवार 23 जुलाई को आईजी कार्यालय के हैड कांस्टेबल को पुख्ता तौर सूचना मिली की वृंदावन एन्कलेव में मकान नम्बर 670 प्रथम फेज में रविकांत जाखड़,नरेन्द्र शर्मा,मालचद शर्मा मौजूद है जिनके पास बड़ी मात्रा में नकली नोट है। वहीं एक और सूचना मिली की इनके साथी चम्पालाल शर्मा,पुनमचंद शर्मा,राकेश सारस्वत एसकोस गाड़ी लेकर जाली नोटो की बड़ी खेप लेकर नोखा से मुकाम की तरफ निकले है। पुलिस ने सूचना मिलते ही दोनो के बारे में तेजी से पता लगाना शुरू किया और दबिश दी गयी। जिसके बाद वृंदावन एन्कलेव में दबिश दी गयी। इस दौरान मौके पर पुलिस ने रविकांत,मालचंद शर्मा,नरेन्द्र को नकली मुद्रा बनाने के सामान,कार जयपुर नम्बर,स्विफ्ट डिजायर बीकानेर नम्बर,मारूती बेलेनो बरामद की। जिसके बाद एक टीम ने नोखा से मुकाम के बीच में दूसरी कार्रवाई की और भारतीय जाली मुद्रा के साथ चम्पालाल शर्मा,नवीन सारस्वत,पुनमचंद शर्मा,राकेश शर्मा को धर दबोचा।
–पुलिस ने गिरोह के ठिकानों की रैकी
पुलिस ने नकली नोटों के गिरोह का पता लगाने के लिए लगातार इनके ठिकानों की रैकी की और इनके वाहनों का पता लगाया गया। जिसके बाद पुलिस टीम में शामिल पुलिस अधिकारी और सिपाही भेष बदलकर इनके बारे में जानकारी जुटाते रहे । जाली नोट गिरोह के मुख्य सरगना चम्पालाल शर्मा उर्फ नवीन सारस्वत को पुख्ता तौर पर डिटेन कर लिया गया जो जो हवाला कारोबार में लिप्त है। गिरोह के सरगना और उसमें शामिल गुर्गो का पूरा बायोडाटा जुटाने के बाद शनिवार को पुलिस ने सर्जिकल स्ट्राईक के अंदाज में कार्रवाही करते हुए इनको धर दबोचा।गिरोह के इन मुलजिमों की हुई है गिरफ्तारी
आईजी ने बताया कि जाली नोट छापने वाले गिरोह के मुख्य सरगना चंपालाल शर्मा उर्फ नवीन सारस्वत पुत्र प्रेमसुख सारस्वत निवासी सूरपुरा नोखा,रविकांत जाखड़ पुत्र मनीराम जाखड़ निवासी २८ केजेडी खाजूवाला हाल निवासी वृन्दावन एन्क्लेव बीकानेर,नरेन्द्र शर्मा पुत्र कैलाश सारस्वत निवासी दंतौर,मालचंद शर्मा पुत्र हिम्मताराम सारस्वत निवासी वार्ड नंबर नो लूणकरणसर,पूनम चंद शर्मा पुत्र चतुर्भुज सारस्वत निवासी गुंसाईसर बड़ा नापासर,राकेश शर्मा पुत्र किसन लाल सारस्वत निवासी बेरासर नापासर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लूणकरकणर निवासी दीपक मोची,सुरपुरा निवासी गजेन्द्र प्रसाद भंाभू और किसनासर निवासी भीखसिंह राजपुरोहित भी इनके गिरोह में शामिल है। इनमें दीपक मोची को हरियाणा पुलिस ने करनाल में धर दबोचा है। गिरोह में शािमल तमाम लोगों को डिटेन कर गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। इस तरह सप्लाई करते थे जाली नोट
नकली नोट गिरोह हवाले के जरिये नकली नोट की सप्लाई करते थे। नोटों की सप्लाई के लिए इनके पास बेसूमार तादाद में फर्जी सिम है। क्योंकि ये एक डिलेवरी हो जाने के बाद उस सिम को तोड़कर फेंक देते थे। डिलीवरी के समय मुख्य सरगना चम्पालाल शर्मा ही व्हाट्सअप से सम्पर्क करता था। एक बार किसी भी पार्टी को नोट देने के बाद दुसरी बार इस गिरोह का कोई दूसर आदमी की पार्टी के पास जाता था। डिलीवरी के समय नोट की गिनती नहीं करवायी जाती बल्कि पारदर्शी बंद पेकेट दिया जाता। गिरोह के लोग इतने शातिर है कि नोटों के बंडल में ऊपर और नीचे एक-एक नोट असली होता और बाकी नकली। जिसके बाद डिलीवरी कर दी जाती आौर जो असली नोट इनके पास आती उसका ये अपना हिस्सा बांट लेते थे। पुलिस ने बताया है कि यह गिरोह आज तक करोड़ों रूपए के नकली नोट भारतीय बाजार में चला चुका है।लक्जरी लाइफ का ले रहे थे मजा जाली नोट छापकर करोड़ों की सपंति जुटा चुका मुख्य सरगना चंपालाल उर्फ नवीन सारस्वत और इसके गिरोह से जुड़े लोग लक्जरी लाईफ जी रहे थे। महंगे कपड़े पहनना,बड़ी गाडिय़ा,महंगी होटलों में ठहरना,जुआ सट्टा इनकी दिनचर्या का हिस्सा था। हैरानी की बात तो यह है कि इनके परिजनों और रिश्तेदारों को इनके काले कारनामों की जानकारी होने के बावजूद वह अवैध धंधे में सहयोगी बने हुए थे। करनाल में हत्थे चढ़ा एक गिरोह का एक गुर्गा शनिवार को बीकानेर में कार्रवाई हुई तो उस समय गिरोह की एक टीम दिल्ली में डिलीवरी के लिए गयी हुई थी। जैसे ही उन्हें बीकानेर में कार्रवाई की भनक लगी तो गिरोह के सदस्य अपनी यूपी नंबरों की जीप कम्पास लेकर दिल्ली से फरार हो गये। जिसके बाद पुलिस टीम को इसकी जानकारी मिली की गिरोह हरियाणा की और भागे है। आईजी बीकानेर ने गिरोह के सदस्य की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा आईजीपी सत्येन्द्र गुप्ता व एसपी करनाल गंगाराम पुनिया को सख्त नाकाबंदी का मैसेज भिजवाया। गिरोह का सदस्य दीपक रेगर को डिटेन करने के बाद रविवार सुबह जब हरियाणा पुलिस की टीम ने उसके दबोचना चाहा तो वह नाकाबंदी तोड़ कर भागने लगा। लेकिन हरियाणा पुलिस ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और आखिर धर दबोचा। जिसे हिरासत में लेने बीकानेर पुलिस रवाना हो गई है। जानकारी के अनुसार मौके पर दीपक की गाड़ी से बड़ी मात्रा में जाली नोट है उसके एक सहयोगी केसरराम को भी दबोचा गया है। पुलिस की इस टीम को मिली सफलता
आईजी ओमप्रकाश ने बताया कि जाली नोट माफियाओं के गिरोह का पर्दाफाश करने में रैंज पुलिस कार्यालय के हैड कांस्टेबल नानूराम गोदारा,कांस्टेबल संदीप जांदू और रामप्रताप सायच की अहम भागीदारी रही। गिरोह का पता लगने के एएसपी सिटी अमित कुमार बुड़ानिया,एएसपी नरेन्द कुमार पुनिया, सीआई नोखा ईश्वर प्रसाद जांगिड़,सीआई मनोज शर्मा,साइबर सैल के हैड कांस्टेबल दीपक यादव,जिला पुलिस की स्पेशल टीम में शामिल कानदान,सुनिल कुमार, हरिओम, वासुदेव, सवाईसिंह, देवेन्द्र ने गिरोह के लोगों को दबोचने में सफलता हासिल की।