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आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) लिट फेस्ट ‘अभिव्यक्ति सीजन 4’ में आधुनिक कविता पद्धति पर चर्चा मे चमकी पोएटप्रेन्योर रंजीता सहाय

आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) लिट फेस्ट ‘अभिव्यक्ति सीजन 4’ में आधुनिक कविता पद्धति पर चर्चा मे चमकी पोएटप्रेन्योर रंजीता सहाय

 

आईरा अख्तर बीकानेर चंडीमंदिर मिलिट्री स्टेशन तीन दिवसीय अभिव्यक्ति सीजन 4 के अवसर पर साहित्यिक मेधा का केंद्र बना, जहां ए डब्ल्यू डब्ल्यू ए लिट फेस्ट का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भारत के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिष्ठित लेखक, कवि और साहित्यकारों का संगम हुआ। आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) द्वारा आयोजित इस फेस्ट का उद्घाटन AWWA की अध्यक्ष श्रीमती सुनीता द्विवेदी और क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमती शुचि कटियार ने संयुक्त रूप से किया, जिन्होंने सभी प्रतिभागियों और दर्शकों का स्वागत किया।

फेस्ट के मुख्य आकर्षणों में से एक पैनल चर्चा “मॉडर्न इंडिया के वर्सेज़: आज का कवि स्वर” रहा, जिसमें प्रतिष्ठित पोएटप्रेन्योर श्रीमती रंजीता सहाय अशेष ने पैनलिस्ट के रूप में हिस्सा लिया। इस सत्र का संचालन प्रसिद्ध कवयित्री सुश्री मधुमिता गोस्वामी ने किया, जिनकी कविताएं भावपूर्ण और अर्थपूर्ण मानी जाती हैं। उन्होंने बातचीत को कुशलतापूर्वक आगे बढ़ाया और सभी पैनलिस्टों – कर्नल वी पी सिंह, मेजर रमा शर्मा और श्रीमती रंजीता सहाय अशेष – से वर्तमान कवियों की आवाज़ और कविताओं में परिवर्तनशील प्रवृत्तियों पर उनके विचार साझा करने के लिए आमंत्रित किया।

आधुनिक भारतीय कविता में एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर और *क्षितिज…व्येर ड्रीम्स मीट रिएलिटी* नामक संस्था की संस्थापक, श्रीमती रंजीता सहाय अशेष ने मुक्त छंद कविता के उभार और इसके साहित्यिक प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “मुक्त छंद आज के कवियों की मदद कर रहे हैं। वे बिना किसी विशेष रूप की बाध्यता के अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं, जिससे कई छुपे हुए लेखकों को प्रकाश में आने का अवसर मिल रहा है।” उनकी संस्था *क्षितिज* नवोदित कवियों को मंच प्रदान कर उन्हें पारंपरिक प्रारूपों से मुक्त रखते हुए अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करती है।

इस पैनल चर्चा ने दर्शकों के साथ गहरी छाप छोड़ी, जहां सभी पैनलिस्टों ने आधुनिक कविता की संरचना में स्वतंत्रता के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विशेषकर, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे कविता की पारंपरिक संरचनाओं से मुक्ति ने देशभर में नए कवियों और आवाज़ों के उभार को बढ़ावा दिया है। घंटे भर चली इस चर्चा ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया, जो बदलते साहित्यिक परिदृश्य पर वक्ताओं के दृष्टिकोण से प्रेरित और उत्साहित नजर आए।

आधुनिक भारतीय कविता में उनके योगदान के प्रतीक स्वरूप श्रीमती रंजीता सहाय अशेष को श्रीमती वाधवा द्वारा एक सुंदर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया, जो उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के सम्मान में एक विशेष भेंट थी।

AWWA लिट फेस्ट, अभिव्यक्ति सीजन 4, साहित्य के सामूहिक चेतना को प्रतिबिंबित और आकार देने में कविता की शक्ति का एक प्रमाण बना। श्रीमती रंजीता सहाय अशेष और उनके साथी पैनलिस्टों के लिए यह आयोजन न केवल उनके विचारों को प्रस्तुत करने का एक अवसर था बल्कि भारत की साहित्यिक धरोहर के इस जीवंत ताने-बाने का हिस्सा बनने का भी एक महत्वपूर्ण क्षण था

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