बीकानेर में नहीं चल रहे आरबीआई के सिक्के! दुकानदार लेने से कर रहे मनाही,सिक्कों की जगह थमा रहे चॉकलेट
आईरा वार्ता अख्तर भाई बीकानेर
बीकानेर। भारतीय रिजर्व बैंक ने भले ही सिक्कों का चलन बंद नहीं किया हो,मगर बीकानेर में रिजर्व बैंक के सिक्के नहीं चल रहे है। इस मामले की जांच पड़ताल में सामने आया है कि बीकानेर में सैकड़ों ऐसे दुकानदार है जो ना सिक्के लेते है,ना देते है बल्कि सिक्को की एवज में चॉकलेट पकड़ा देते है। मामला एक रूपये से पांच रूपये तक के सिक्कों का होने के कारण ग्राहक भी ज्यादा सिरदर्दी मोल नहीं लेते और इसलिये कोई शिकायत भी नहीं करता। इसे लेकर दुकानदारों का तर्क है कि हम सिक्के लेकर क्या करें,बैंक वाले भी नहीं लेते। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक देश में इन सिक्कों को बंद नहीं किया है । 50 पैसे, 1 रुपए, 2 रुपए, 5 रुपए और 10 रुपए के सिक्के प्रचलन में हैं। लेकिन बीकानेर में दुकानदारों और व्यापारियों ने खुद ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब कोई भी दुकानदार एक या दो रुपए के सिक्कों से कोई सामान ही नहीं देता है। चिल्लर के रूप में केवल 5 और दस रुपए का सिक्का बाजार में चल रहा है, लेकिन इनको भी कई दुकानदार लेने से मना कर देते हैं। ऐसे में जरुरत न होने पर भी ग्राहक को अपने रुपए निकालने के लिए दुकानदार द्वारा दी जाने वाली चॉकलेट लेना पड़ रही है। आम लोगों से लेकर व्यापारी व सरकारी विभागों के लिए मुसीबत बन गया है। रिजर्व बैंक ने सिक्का न लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के दिशा निर्देश जारी किए थे। फड़ बाजार के एक दुकानदार ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उनके पास सिक्के आ रहे थे, लेकिन जब बैंक में सिक्का जमा कराने जाते हैं तो बैंक भी सिक्का लेने में आनाकानी करती है। ऐसे में सिक्कों का व्यापारी क्या करे, हमारे पास सिक्कों के ढेर लग जाते हैं, ऐसे में हमारी रकम जाम होने लगती है। इसलिए एक-दो रुपए के सिक्के लेने में परेशानी होती है। केवल रिजर्व बैंक को अधिकार
जानकारी में रहे कि सिक्के या नोट को चलन से बाहर करने का अधिकार केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) का है। इसके लिए आरबीआइ की ओर से निर्देश जारी किए जाते हैं। सिक्के या नोट चलन से बाहर करने के लिए लोगों को उन्हें लौटाने का समय दिया जाता है। आरबीआइ ने वर्ष 2011 से 1 से 25 पैसे तक के सिक्के वापस लिए थे। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी हुआ था। तब से ये सिक्के वैध मुद्रा नहीं हैं तथा चलन से बाहर हैं। आरबीआइ के निर्देशानुसार बैंक और व्यापारी सिक्के लेने से मना नहीं कर सकते हैं। कर सकते हैं शिकायत यदि कोई सिक्का लेने से मना करता है तो उसकी शिकायत संबंधित बैंक या पुलिस से कर सकते हैं। चलन वाले सिक्के न लेने पर संबंधित दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी के तहत कार्रवाई होगी। मामले की शिकायत रिजर्व बैंक में भी की जा सकती है। सिक्काकरण अधिनियम 2011 की धारा 6 के तहत रिजर्व बैंक द्वारा जारी सिक्का भुगतान के लिए वैध मुद्रा हैं। यह भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 26 की उप-धारा (2) में निहित प्रावधानों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा प्रत्याभूत हैं। रिजर्व बैंक के निर्देश हैं कि जो भी एक रुपये का छोटा सिक्का नहीं लेगा, उसके खिलाफ भारतीय करेंसी का अपमान करने का मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने का प्रावधान है।