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बीकानेर में साल दर साल बढ़ रहा ‘सडक़ हादसों का आंकड़ा’ इस साल एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक वहीं बीकानेर रेंज में 1151 हादसों में 704 मौतें और 1054 घायल हुए हैं

बीकानेर में साल दर साल बढ़ रहा ‘सडक़ हादसों का आंकड़ा’
इस साल एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक वहीं बीकानेर
रेंज में 1151 हादसों में 704 मौतें और 1054 घायल हुए हैं
आईरा समाचार बीकानेर। जिले में सडक़ हादसों का आंकड़ा कम होने के बजाय साल दर साल बढ़ रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि सडक़ हादसों की रोकथाम के लिये प्रशासन,पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर काम कर रहे है,फिर भी आये दिन दुखदायी सडक़ हादसों में लोगों की जान जा रही है। बीकानेर रेंज पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस साल इस साल एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक वहीं बीकानेर रेंज में 1151 हादसों में 704 मौतें और 1054 घायल हुए हैं।  इनमें सर्वाधिक सडक़ हादसे श्रीडूंगरगढ़ इलाके में जयपुर-बीकानेर हाईवे और लूणकरणसर इलाके में बीकानेर-श्रीगंगानगर हाईवे पर हुए है। हालांकि सडक़ हादसों के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा तकनीकी जांच की जाती है। जांच के बाद ऐसे प्वाइंट चिन्हित किए जाते हैं जहां बार-बार हादसे होते हैं। ऐसे स्थानों को ब्लेक स्पॉट घोषित किया जाता है। बीकानेर में ऐसे करीब पैंतीस ज्यादा ब्लेक स्पॉट हैं। इनमें अधिकतर नेशनल और स्टेट हाइवे पर हैं। ब्लैक स्पॉट घोषित करने के बाद सडक़ की तकनीकी खामी दूर करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखे जाते रहे हैं , लेकिन सरकारी अफसर इसे गंभीरता से नहीं लेते। सडक़ निर्माण की खामी को दूर नहीं किया जाता जिसकी वजह से हादसे लगातार होते हैं।ओवर स्पीड  और ओवरटेक के कारण होते है ज्यादात्तर हादसे सडक़ हादसों की जांच पड़ताल में सामने आया है ज्यादात्तर हादसे वाहनों की ओवरस्पीड और ओवरटेक के कारण होते है। बीकानेर जिले में इस साल हुए ज्यादात्तर भीषण सडक़ हादसों की जांच ओवरस्पीड़ और ओवरटेक के तथ्य ही सामने आये है। इसके अलावा हाईवे और स्टेट हाईवे पर आवारा मवेशियों भी सडक़ हादसों का सबसे बड़ा कारण बने है। आमने-सामने के ज्यादात्तर सडक़ हादसों में ओवरटेक की सबसे बड़ा कारण सामने आया है।

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