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राजस्थान में फिर से कांग्रेस सरकार के बनने की हो रही है प्रबल संभावना बीकानेर जिले से कांग्रेस की तीन से चार सीट आने के बन गए हैं आसार

राजस्थान में फिर से कांग्रेस सरकार के बनने की हो रही है प्रबल संभावना बीकानेर जिले से कांग्रेस की तीन से चार सीट आने के बन गए हैं आसार

बीकानेर पश्चिम से सातवीं मर्तबा फिर डॉक्टर बी डी कल्ला हो सकते हैं विधायक  

आईरा समाचार बीकानेर बीकानेर की आवाज़ की निष्पक्ष राजनैतिक समीक्षा राजस्थान में चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है, प्रदेश की जनता के रुझान आने प्रारम्भ हो चुके हैं।अधिकतर जनता ने जिसे भी वोट देना है उसका मन बना लिया है ।बीकानेर पश्चिम क्षेत्र में आज के हालात में कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर बी डी कल्ला की स्थिति बेहतर दिखाई दे रही है ।बी डी कल्ला का चुनाव प्रबंधन और प्रचार भी बेहद कुशल तरीके से चल रहा है ? एक ओर जहां बी डी कल्ला अपने 43 साल से बीकानेर शहर के विकास करने की बात कर रहे हैं,36 कौम को साथ लेकर चलने की बात कर रहे हैं, शहर में अमन चैन और आपसी प्रेम और भाई चारे की बात कर रहे हैं।राजनीति के जानकार मानते हैं कि बी डी कल्ला की रेप्यूटेशन पर हिन्दुत्व की राजनीति का नुकसान होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है।हिन्दू धर्म के विषय में वेदों, भगवत गीता, रामायण, राम चरित मानस का जो नॉलेज बी डी कल्ला को है उसके आगे बड़े से बड़ा व्यक्ति भी बोना नजर आता है ।ऐसे में बीकानेर पश्चिम क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी की स्थिति ज्यादा अच्छी नजर आ रही है।कोलायत क्षेत्र की सीट को कांग्रेस पार्टी के लिए ठीक नहीं माना जा रहा है ? सन 2018 में कांग्रेस प्रत्यासी की करीबन 11,000 वोट से जीत हुई थी, उस समय जाट समाज, मुस्लिम समाज और दलित समाज के बहुतायत के वोट कांग्रेस प्रत्यासी भंवर सिंह भाटी को मिले थे।
अभी कोलायत क्षेत्र में त्रिकोणीय मुक़ाबला है । कांग्रेस पार्टी के ही नेता पूर्व विधायक रेवन्त राम पंवार आर एल पी पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं। रेवन्त राम पंवार स्वयं कोलायत के मढ गांव के हैं ।पिछले 43 सालों से कोलायत क्षेत्र में राजपूत समाज के ही नेता विधायक बन रहे हैं ? क्षेत्र के जाट, मेघवाल और मुस्लिम समाज के बहुत सारे वोट रेवन्त राम पंवार को मिलने की संभावना बन रही है, जिसका सीधा खमियाजा कांग्रेस प्रत्यासी को भुगतना पड़ सकता है। इसीलिए राजनैतिक हलकों में कांग्रेस की यह सीट कमज़ोर मानी जा रही है।खाजूवाला क्षेत्र की सीट को भी राजनीति के जानकारो द्वारा कांग्रेस के लिए कमजोर आंका जा रहा है ? सन 2018 में कांग्रेस पार्टी के नेता गोविन्द राम चौहान की इस सीट पर 31089 वोट से जीत हुई थी, लेकिन इस चुनाव में परिस्थितियां पहले से उलट दिखाई दे रही है, बल्कि सन 2013 से भी ज्यादा नाज़ुक हालात बन रहे हैं।
सन 2013 में भाजपा के प्रत्याशी डॉक्टर विश्वनाथ मेघवाल को 61,833 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी गोविन्द राम चौहान को 53,416 वोट मिले थे, विश्वनाथ मेघवाल की 8,419 वोट से जीत हुई थी ? उस समय मुस्लिम समाज के बहुतायत के वोट कांग्रेस प्रत्यासी गोविन्द राम चौहान को मिले थे लेकिन फिर भी उनकी हार हो गई थी । जबकि इस चुनाव में खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के मुसलमान समाज में भारी नाराज़गी और रोष है ? हजारों की तादाद में मुस्लिम समाज के गांव के गांव खुल कर विरोध में सामने आ गए हैं। खाजूवाला क्षेत्र के कई मुस्लिम गांवों में मुस्लिम समाज की भयंकर भीड़ ने विश्वनाथ को वोट देने का सरे आम ऐलान कर दिया है, इन गांवों के धरातल की रिर्पोट कांग्रेस के लिए अच्छी नहीं आ रही है । इन परिस्थितियो में खाजूवाला क्षेत्र को कांग्रेस के लिए कमज़ोर आंका जा रहा है।लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख रूप से पांच उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं ? कांग्रेस से डॉक्टर राजेन्द्र मूंढ, भाजपा से सुमित गोदारा, आर एल पी से शिव दान मेघवाल, पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व राज्य गृह मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल निर्दलीय और प्रभु सारस्वत निर्दलीय चुनाव मैदान में है  सन 2018 में भाजपा के सुमित गोदारा चुनाव जीत गए थे ? मौजूदा हालात में भाजपा के वोट प्रभु सारस्वत द्वारा काटे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं तो कांग्रेस के वोट वीरेन्द्र बेनीवाल और आर एल पी के उम्मीदवार शिव दान मेघवाल द्वारा तोड़े जाने की संभावना बनती जा रही है।लेकिन यह भी हकीकत है कि जाट समाज का झुकाव कांग्रेस पार्टी की तरफ़ अधिक लग रहा है और यह भी संभावना बनती जा रही है कि आख़िरी वक्त में जाट समाज एक होकर वोट कास्ट कर सकते हैं ।इसी वजह से लूणकरणसर की सीट के कांग्रेस की झोली में आने संभावना आंकी जा रही है। बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने जहां तीन बार चुनाव जीतने वाली विधायक सिद्धी कुमारी को ही टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत को टिकट दी है, आर एल पी ने भी वार्ड पार्षद मनोज बिश्नोई को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है ।बीकानेर पूर्व में कांग्रेस पिछले 46 सालों से बेहद कमजोर हालत में है, बीकानेर पूर्व के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कभी तवज्जो नहीं दी गई, बीकानेर शहर में यू आई टी चैयरमैन भी कांग्रेस पार्टी ने हमेशा बीकानेर पश्चिम क्षेत्र के नेताओं को ही बनाया है, कांग्रेस पार्टी का प्रत्यासी भी बीकानेर पश्चिम क्षेत्र का ही है ।शहर में हो रही चर्चा में बीकानेर पूर्व क्षेत्र को कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद कमज़ोर रुप में आंका जा रहा है और जीत की संभावना बहुत कम मानी जा रही है।नोखा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी ने रामेश्वर डूडी की पत्नि सुशीला डुडी को टिकट दी है, भाजपा ने क्षेत्र के विधायक बिहारी बिश्नोई को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है तो सन 2008-2013 के विधायक, पूर्व संसदीय सचिव निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। क्षेत्र में त्रिकोणीय मुक़ाबला है ? एक तरफ़ जहां सुशीला डुडी को सिम्पैथी वोट मिलने की संभावना है तो कन्हैया लाल झवर का भी आख़िरी चुनाव माना जा रहा है इसलिये सिम्पैथी के वोट कन्हैया लाल झवर को भी मिलने की प्रबल संभावना बन रही है। लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार सुशीला डुडी की जीत की संभावना को अधिक आंका जा रहा है।डूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से तारा चन्द सारस्वत, कांग्रेस पार्टी से मंगला राम गोदारा और सी पी एम पार्टी से विधायक गिरधारी लाल मईया चुनाव मैदान में हैं, पूर्व विधायक किशना राम नाई एक निर्दलीय महिला उम्मीदवार का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन यह सीट भी कांग्रेस पार्टी के पक्ष में जाती हुई मानी जा रही है ?
लब्बो लबाब में कांग्रेस पार्टी की बीकानेर जिले में राजनीति के जानकार तीन से चार सीट आने का कयास लगा रहे हैं।राजनीति के जानकार भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा वसुन्धरा राजे को इग्नोर करने को गम्भीर मान रहे हैं और इसका नुक़सान भाजपा को हो सकना संभव मान रहे हैं ।ऐसे में लोग मानने लगे हैं कि संभवतः सरकार फिर से कांग्रेस द्वारा बनाई जा सकती है।
फकत सैय्यद महमूद  प्रधान संपादक बीकानेर की आवाज़

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