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बीकानेर समाजसेविका सुमन मुंदडा ने गायों को गौचर भूमि मे महाप्रसादी (लापसी) खिलाकर मनाया जन्मदिन

आईरा समाचार बीकानेर। बीकानेर के प्रमुख गौसेवक देवकिशन चांडक ‘देवश्री’का सहयोग तथा बाल संत छैल बिहारी का सान्निध्य मे समाजसेविका सुश्री सुमन मूंदडा ने गुरुवार की सुबह पूगल रोड मार्ग पर स्थित गंगा जुबली पिंजरा पोल गौशाला प्रांगण मे सैकड़ों गौ सेवकों के साथ गायों और नंदी को महाप्रसादी के रूप में लापसी बनाकर अपने हाथों से खिलाया इस अवसर पर  अन्य जगहों पर पौधे लगाकर अपना जन्मदिन मनाया। पौधारोपण करते हुए सुमन मूंदडा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए। पौधे हमें आक्सीजन देते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। कोरोना महामारी के समय आक्सीजन की कमी के कारण बहुत से लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ीं थी। हमें अपने आसपास को हरा-भरा रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे ठंडी छांव देते हैं। सड़कों पर बढ़ रही गाड़ियां व फैक्ट्रियों की चिमनी से निकलने वाला धुआं पर्यावरण के लिए हानिकारक है। ऐसे में पेड़-पौधे ही प्रदूषित वातावरण से हमें बचा सकते हैं। हमें आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण देने के  लिए खाली पड़ी जगहो पर पौधे लगाने चाहिए। वहीं, घर में खुशी के मौके पर फिजूलखर्ची की जगह रक्तदान, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की सहायता, पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे लगाने चाहिए।वहीं गौसेवक देवकिशन चांडक देवश्री ने सुमन मूंदड़ा की ईश्वर दिघ्रायु की कामना करते हुए बताया कि जन्मदिन हो यहां शादी की वर्षगाँठ हो पिंजरा पोल गौशाला में ₹100 से लेकर ₹11000 तक कोई भी व्यक्ति कितना भी सहयोग दे सकता है, उसके लिए कोई बाध्यता नहीं है, लेकिन उस दिन गौमाता की बनने वाली महाप्रसादी लापसी भोजन उसी व्यक्ति के नाम से ही होता है, सब लोगों का सामूहिक रूप से जुड़ाव निश्चित रूप से इस मुहिम को आगे बढ़ा रहा है,गौसेवा का अनूठा नवाचार22 मिनट में पुण्य प्रकल्प , यहां रोजाना सुबह9:55 पर गौशाला में भजन कीर्तन का दौर शुरू होता है, उसके बाद गायों के लिए बनाई गई कढ़ाई में तैयार लापसी भोजन हर व्यक्ति अपने हाथों से गायों को परोसता है, उसके बाद गायों के भोजन पश्चात परिक्रमा और गायों की आरती और फिर पूर्णाहुति कीर्तन होता है, और इस पुण्य कार्य के गौशाला से हजारों लोग जुड़े रहे है ।

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