बीकानेर जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद की संजीदगी से डेढ़ साल बाद आख़िर परिवार को मिला पट्टा, पट्टे को लेकर परिवार काफी समय से धरने पर बैठा था,
खाजूवाला निवासी रामसिंह और उनकी पत्नी ने समाप्त किया धरना
जिला कलेक्टर के प्रयासों से अभिभूत दिखा परिवार
आईरा समाचार बीकानेर, 30 जून ।जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल के प्रयासों से खाजूवाला निवासी रामसिंह और उनके परिवार को आखिर अपने निवास का मालिकाना हक मिल सका।
करीब डेढ़ साल से यह परिवार खाजूवाला स्थित अपने निवास के मालिकाना हक की मांग करते हुए जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरने पर बैठा था। आखिरकार जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने उन्हें शुक्रवार को उनके निवास के पट्टे की कॉपी सौंपी।
खाजूवाला नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि रामसिंह प्रकरण में परिवार खाजूवाला मंडी की जमीन पर लम्बे समय से मकान बना कर रह रहा था। पिछले डेढ़ साल से राम सिंह द्वारा अपने निवास के मालिकाना हक जारी करने के संबंध में मांग की जा रही थी। प्रशासन शहरो के संग अभियान में भी उनके द्वारा पट्टे की मांग की गई।
उन्होंने बताया कि खाजूवाला नगरपालिका बनने के बाद मंडी की जमीन पालिका को हस्तांतरित की गई इसके बाद नगरपालिका द्वारा इस संबंध में मंडल में प्रस्ताव पास कर जिला कलेक्टर को भेजा गया , जिस पर जिला कलेक्टर के सतत गंभीर प्रयासों से राज्य सरकार से इस भूमि पर रामसिंह को पट्टा जारी करने की अनुमति मिली तथा भूमि नगर पालिका को हस्तांतरित होने पर आवेदक को पट्टा दिया जा सका।
अपने हाथों में पट्टे की कापी लिए उत्साहित दिखी रामसिंह की पत्नी ने कहा कि वे और उनका परिवार जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद के इस प्रयास के लिए सदैव आभारी रहेगा। जिला कलेक्टर ने उसकी समस्या को व्यक्तिगत तौर पर सुनते हुए उनकी मदद की है। जिला कलेक्टर की संवेदनशीलता के प्रति आभार प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पट्टे का मालिकाना हक लेने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा लेकिन कलेक्टर की संवेदनशीलता से आज उन्हें अपनी छत का मालिकाना हक मिल सका है।