Logo

कंगाली बदहाली भुखमरी में मजबूर होकर अपना बंदरगाह बेचने को मजबूर पाकिस्तान,

कंगाल पाकिस्तान की माली हालत काफी खराब है। अब देश चलाने के लिए वह अपनी बेशकीमती चीजों के साथ ही होटल और बंदरगाह तक को सौंपने पर मजबूर हो गया है।

पिछले दिनों न्यूयॉर्क का एक होटल पैसे के लिए गिरवी रखा था। अब पाकिस्तान संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई को कराची बंदरगाह टर्मिनलों को सौंपने का निर्णय लिया है। यूएई के साथ एक सौदे को अंतिम रूप देने के लिए एक वार्ता समिति का गठन किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह कदम आपातकालीन धन जुटाने के लिए पिछले साल बनाए गए कानून के तहत पहला अंतर-सरकारी लेनदेन हो सकता है।

वित्त मंत्री इशाक डार ने अंतर-सरकारी वाणिज्यिक लेनदेन पर कैबिनेट समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की। निर्णय के अनुसार, कैबिनेट समिति ने कराची पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) और यूएई सरकार के बीच एक वाणिज्यिक समझौते पर बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया।

कराची बंदरगाह टर्मिनलों को सौंपने के लिए यूएई की एक नॉमिनी एजेंसी के साथ सरकार से सरकार की व्यवस्था के तहत एक मसौदा संचालन, रखरखाव, निवेश और विकास समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वार्ता समिति को भी अनुमति दी गई है।एक रूपरेखा समझौते को अंतिम रूप देने के लिए गठित वार्ता समिति की अध्यक्षता समुद्री मामलों के मंत्री फैसल सब्जवारी करेंगे। पाकिस्तान का लक्ष्य है कि अबू धाबी पोर्ट्स ग्रुप की सहायक कंपनी अबू धाबी पोर्ट्स (एडीपी) को टर्मिनलों को सौंपने के लिए एक समझौते पर पहुंचा जाए।

पाकिस्तान को देश चलाने के लिए धन की जरूरत

दरअसल, पाकिस्तान का सरकारी खजाना खाली हो चुका हैै। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ इसका सौदा समाप्त होने के बाद देश को अतिरिक्त धन की सख्त जरूरत है। ऐसे में कभी होटल, तो कभी बंदरगाह लीज पर सौंपकर पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना चाहता है। 

Leave A Reply

Your email address will not be published.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.