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बीकानेर शहर में मुस्लिम महापंचायत के नाम पर सियासत,लेकिन मुस्लिम नेता छोटे छोटे पदों पर भी अभी तक बने हुवे है।

आईरा समाचार बीकानेर अप्डेट्स बीकानेर शहर में अशोक गहलोत के गंगा शहर में तेरा पंथ भवन में रखे गए कार्यकर्त्ता सम्मेलन के बहिष्कार के नाम पर चन्द मुस्लिम कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने राजनैतिक नाटक करने का प्रयास किया ? कहा गया कि कांग्रेस पार्टी में मुसलमानों को अहमियत नहीं दी जाती है । ये कांग्रेसी मुस्लिम नेता मंत्री बी डी कल्ला से भी मिले, कहते हैं कि बी डी कल्ला ने कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अपने भतीजे अनिल कल्ला की कुर्बानी तक दे देने की बात कर वहां मौजूद मुसलमानों की तालियां भी बटोरी, मुसलमान इस कुर्बानी से गद गद भी हो गया।लेकिन चर्चा है कि पी सी सी सदस्य जियाउर्रहमान और सलीम सोढ़ा आदि को मुख्य मंत्री के प्रोग्राम में देखा गया था।इस प्रोगाम के बाद पूरे रमजान माह में रात को तराबी के बाद मुस्लिम मोहल्लों मोहल्लों में कांग्रेस पार्टी के कई रहनुमा मुस्लिम महा पंचायत बुलाने की बात कहते रहे , जनता में कांग्रेस पार्टी के मौजूदा नेताओं और सरकार द्वारा मुसलमानों को तिरस्कृत की जाने की बात की गई ।बीकानेर शहर के मुस्लिम समाज में निश्चित रूप से गुस्सा और नाराज़गी होना वाजिब था ? शहर के मुसलमानों ने कांग्रेस को सबक सिखाने की ठान ली !अब शहर में एक शोर उठ रहा है कि ये कांग्रेसी रहनुमा अपने पदों से इस्तीफा क्यों नहीं देते हैं।मुस्लिम नेताओं में सबीर अहमद राजस्थान सतर्कता समिती का सदस्य है, जावेद पडिहार राजस्थान हज कमेटी का सद्स्य, सलीम सोढ़ा राजस्थान मदरसा बोर्ड का सदस्य है ? सबसे पहले इन लोगों को विरोध स्वरूप इस्तिफा देना चाहिए। मकसूद अहमद और जियाउर्रहमान पी सी सी सदस्य हैं, जाकिर नागौरी और शहजाद खान ब्लॉक अध्यक्ष हैं, जावेद कायमखानी और आजम कायमखानी दोनों सरकारी कोटे से वार्ड पार्षद है, फिरोज भाटी को अभी 20 सूत्रीय समिती का सदस्य बनाया गया है, मोला बक्स भुट्टा बीकानेर सतर्कता समिती का सदस्य है। इन सभी मुस्लिम रहनुमाओं को तत्काल प्रभाव से अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए , ताकि कांग्रेस पार्टी को एक सबक सिखाया जा सके। और यदि ये मुस्लिम रहनुमा यह छोटी सी भी कुर्बानी नहीं दे सके, तो मुसलमानों को अपने हाल पर छोड़ देना चाहिए।रमजान मुग़ल प्रधान संपादक गरज बीकानेर

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