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राजस्थानी भाषा को प्रदेश की राजभाषा बनाने के लिए गहलोत सरकार गंभीर।:-ओएसडी लोकेश शर्मा

आईरा समाचार बीकानेर आज दो दिवसीय बीकानेर दौरे पर पधारे माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का सर्किट हाउस में राजस्थानी मोट्यार परिषद, बीकानेर टीम ने जोरदार स्वागत एवं अभिनन्दन किया एवं लोकेश जी को बताया कि राजस्थानी भाषा को प्रदेश की राजभाषा बनाने के लिए मोट्यार परिषद की टीम आपसे लगातार संपर्क में हैं, हमारी पुरी टीम के प्रयासों से वर्तमान के 200 में से 160 पक्ष एवं विपक्ष के विधायक एवं मंत्री माननीय मुख्यमंत्री जी को राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाने के लिए पत्र लिख चुके हैं, अब राजस्थान सरकार किसका इंतजार कर रही है?? राजस्थानी मोट्यार परिषद ने लोकेश जी से राजस्थानी भाषा को राज्य सरकार द्वारा राजभाषा बनाने के लिए क्या किया जा रहा है? इसकी रिपोर्ट मांगी, जवाब में लोकेश जी शर्मा ने बताया कि सीएमओ में लगातार राजस्थानी भाषा को लेकर कार्य किया जा रहा है और जल्दी आप को सकारात्मक खबर मिलेगी। माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से ही राजस्थान विधानसभा में 25, अगस्त 2003 को सर्व सहमति से संकल्प- प्रस्ताव पारित हुआ था, किन्तु आज तक केन्द्र सरकार ने राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता प्रदान नहीं की है, अतः राजस्थान-वासियों को नौकरियों में ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए राजस्थान में अन्य राज्यों की तरह अपनी मातृभाषा को राजभाषा एवं शिक्षा में शामिल करना बड़े गर्व की बात होगी, शर्मा ने कहा कि अपनी मातृभाषा में बोलना बड़े गर्व की बात है,। माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी मातृभाषा के लिए बेहद गंभीर हैं। राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रतिनिधि मंडल में एडवोकेट राजेश कड़वासरा, एडवोकेट हिमांशु टाक, प्रशान्त जैन, रामावतार उपाध्याय, मुकेश रामावत, सरजीत सिंह, योगेश व्यास, कमलकिशोर मारू, मुकेश सिंढ़ायच, भगवानाराम, राजुनाथ आदि शामिल थे।

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