खाजूवाला क्षेत्र को अनूपगढ़ में शामिल करने के प्रस्ताव का ग्रामीण हलकों में भारी विरोध।
आईरा समाचार बीकानेर एडवोकेट मोहबत अली खाजूवाला क्षेत्र को अनूपगढ़ में शामिल करने के प्रस्ताव का ग्रामीण हलकों में भारी विरोध।जनता की नाराज़गी से आने वाले चुनाव में कांग्रेस पार्टी को कहीं नुक़सान ना उठाना पड़ जाए।जब से मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में 19 तहसील को ज़िला बनाने की घोषणा की है, सरकार के लिए यह फ़ैसला कहीं आत्मघाती कदम साबित ना हो जाए ? प्रदेश में जगह जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं ? जयपुर, सुजानगढ़, सूरतगढ़ गुढा मलानी एरिया में विरोध किया जा रहा है ? जयपुर के विधायक और मंत्री श्री प्रताप सिंह खाचरियाबास भी विरोध की भाषा बोल रहे हैं कहीं नया जिला बनाने की मांग है तो कहीं किसी को गलत जिले में ना डाल दिया जाए इस संभावना का विरोध किया जा रहा है प्रारम्भ में राजस्थान में केबल सात जिले बनाने की चर्चा थी लेकिन सरकार ने विधानसभा में 19 जिले बनाए जाने का ऐलान कर दिया, जिसमें एक जिला अनूपगढ को भी बना दिया गया है , यही नहीं,सरकार ने आनन फानन में दिनांक 17 मार्च से अनूपगढ़ का अस्तित्व भी कायम कर दिया है।खाजूवाला की बहुतायत की जनता अनूपगढ़ में शामिल होना नहीं चाहती है बल्कि पहले की तरह बीकानेर जिले में ही रहना चाहती है ।
दिनांक 27 मार्च,2023 के राजस्थान पत्रिका के पेज़ नंबर 05 में ” पांच उपखंडों को मिलाकर अनूपगढ़ बनेगा जिला !” का एक समाचार अख़बार में प्रकाशित हुआ । जिसमें अनूपगढ़ के एस डी एम प्रियंका तिलानिया के अनुसार बताया गया कि एक साल पहले मई और जून 2022 को छतरगढ़, खाजूवाला, घड़साना, अनूपगढ और रायसिंह नगर को मिलाकर अनूपगढ़ जिला बनाए जाने की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी गई थी।प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने खाजूवाला प्रधान, पूगल प्रधान, जिला प्रमुख,खाजूवाला विधायक और सांसद से लिखित में रिपोर्ट मांगी थी ? इन सभी ने अपनी ओर से जनता से बिना कोई राय मशविरा किए इस क्षेत्र की जनता के भाग्य की रिर्पोट सरकार को भेज दी थी ? अजीब विडंबना है कि प्रजातंत्र में सरकार द्वारा आम प्रजा की राय नहीं ली गई जबकि हर ग्राम पंचायत में सरपंच होते हैं जो गांवो के जनप्रतिनिधि हैं उनसे भी कोई मशविरा नहीं किया गया ?
सभी जन प्रतिनिधियों को चाहिए कि जो रिपोर्ट उन लोगों ने सरकार को भेजी थी उसे जनता के सामने सार्वजनिक करे खाजूवाला प्रधान प्रतिनिधि ने खाजूवाला की जनता को बताया है कि सरकार ने उससे अगस्त, 2022 को राय मांगी थी जिस पर उसने खाजूवाला और छतरगढ़ को बीकानेर में ही रखे जाने की अनुशंसा दी है , यह एक अच्छी बात है ! सवाल उठता है कि प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक और सांसद लोग जनता के सिर्फ कस्टोडियम हैं, जनता से बिना पूछे जनता के भाग्य का फ़ैसला करने का अधिकार इनको नहीं है। जब से राजस्थान सरकार ने अनूपगढ़ को ज़िला बनाने की घोषणा की है तभी से जनता को यह डर सताने लगा है कि कहीं उनके साथ धोखा और विश्वासघात तो नहीं किया जा रहा है ?
तभी से खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में जनता द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं ! खाजूवाला क्षेत्र में जगह जगह बाजार बन्द किए गए हैं, खाजूवाला के एडवोकेट्स ने सरकार को ज्ञापन दिया है ? जनता परेशान हैं, अपनी माटी के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं ? लोग प्रेस के सामने आत्म हत्या कर लेने की बात कर रहे हैं ?
लेकिन बावजूद इन सबके खाजूवाला कांग्रेस पार्टी के पी सी सी सदस्य राम कुमार तेतरवाल ऐडवोकेट द्वारा दिनांक 7 अप्रैल को कुछ लोगों को लेकर खाजूवाला को ज़िला बनाने अन्यथा जिला ना बनाए जाने पर खाजूवाला क्षेत्र को अनूपगढ़ में शामिल करने की मांग की गई है और एस डी एम को लिखित में ज्ञापन दिया है।सवाल उठता है कि कांग्रेस पार्टी का एक पी सी सी सदस्य ने क्या खाजूवाला विधायक की सहमति से यह काम किया है।
मुझे यह पूरा विश्वास है कि विधायक महोदय से पूछ कर यह कार्य नहीं किया गया है।फिर क्या पी सी सी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के कोई निर्देश हैं ? पी सी सी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की मंशा के बिना उनकी कार्यकारिणी का एक सदस्य कैसे जनता की भावनाओं के विपरित मांग कर सकता है कि खाजूवाला और छतरगढ़ एरिया को अनूपगढ़ में शामिल कर दिया जाए।
एक अफ़वाह और जान बूझ कर शरारत पैदा की जा रही है कि खाजूवाला को ज़िला बनाया जा सकता है ? यह जानबूझ कर केवल भ्रम पैदा किया जा रहा है ? सरकार द्वारा आज तक जिला बनाने वाली राम लुभाया कमेटी के पास ऐसा कोई प्रस्ताव भेजा ही नहीं गया है।
इसके अतिरिक्त जिला बनाया जाना इतना आसान भी नहीं होता है ? इन 19 जिलों के लिए पिछले एक साल से सरकार प्रयासरत है ? खाजूवाला मुख्य रूप से कांग्रेस बैल्ट है ? मुख्य रुप से इसमें मुस्लिम, दलित और जाट समाज के वोटर्स का बाहुल्य है । इसी वजह से सन 2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी गोविन्द राम चौहान की भारी संख्या में करीबन 31,000 वोट से जीत दर्ज हुई थी, जिसकी गूंज पूरे प्रदेश तक में हुई थी।
क्षेत्र में चर्चा है कि खाजूवाला और छतरगढ़ के जाट और मुस्लिम वोटर यदि अनूपगढ़ में चले जाते हैं तो कांग्रेस इस क्षेत्र में कमज़ोर हो जायेगी ? ध्यान रहे सन 2008 और 2013 में भाजपा के प्रत्यासी की जीत हुई थी ? यकीनन भाजपा के नेता इस कांग्रेस बेल्ट को तोड़ना चाहेंगे और कांग्रेस नेता गोविन्द राम चौहान को कमज़ोर करना चाहेंगे ? खाजूवाला की जनता इस राजनीति में पिस कर रह गई है।खाजूवाला विधायक गोविन्द राम चौहान को अब खुल कर अपने रुख को सामने लाना होगा।गोविन्द राम चौहान ने अपने राजनैतिक जीवन में बहुत संघर्ष किए हैं, लगभग सभी राजनैतिक पार्टियों में रह कर राजनीति की भट्टी में तप कर अपने व्यक्तित्व को बनाया है, निखारा है ? ऐसे में वह कतई अपना जनाधार खत्म नहीं होने देंगे।खाजूवाला की जनता को उनसे बेहद उम्मीदें हैं ? वे आज भरपूर राजनैतिक ताक़त में हैं, ऐसा माना जा रहा है कि विधायक चौहान खाजूवाला के किसी भी गांव को अनूपगढ जिले में शामिल नहीं होने देंगे ?
फकत
बीकानेर की आवाज़
बीकानेर !