बीकानेर जिले के मुस्लिम रहनुमाओं की धर्म की बेशाखियों के सहारे सियासत ? कभी कांग्रेस के नेताओं का बहिष्कार तो कभी ख़ैर मकदम
आईरा समाचार अप्डेट्स इक़बाल कायमखानी।बीकानेर जिले के मुस्लिम रहनुमाओं की धर्म की बेशाखियों के सहारे सियासत ? कभी कांग्रेस के नेताओं का बहिष्कार तो कभी ख़ैर मकदम ? राजनीति के नए खिलाड़ियों के अस्तित्व का अंधा युद्ध ?पिछले दिनों राजस्थान के मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत, राजस्थान में कांग्रेस प्रभारी रंधावा, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा आदि का गंगा शहर में तेरापंथ भवन में एक कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया गया था ? इस सम्मेलन से एक दिन पहले अचानक समुद्र में आने वाले ज्वार भाटे की तरह मुसलमानों के कुछ रहनुमा हसनैन ट्रस्ट में इकट्ठे हुए, शिकायत कांग्रेस पार्टी के नेताओं से थी कि मुसलमानों को कांग्रेस ने वह मान सम्मान नहीं दिया, वे राजनैतिक सौगात नहीं दी, जिनके वे हकदार हैं ? बहुत बढ़िया मौजू था ?
यह सही भी है कि राजस्थान के मुस्लिम समाज ने कांग्रेस पार्टी को शत प्रतिशत वोट दिए ? बीकानेर जिले में भी यही हालात थे ? कल्ला जी, भंवर सिंह भाटी और गोविन्द राम चौहान को मुसलमानों ने लगभग 99 प्रतिशत वोट दिए, जिसकी वजह से उनकी जीत हुई और वे मंत्री बने ?
मंत्री बनने के बाद आलम यह है, शिकायत यह है कि मुस्लिम समाज के रहनुमाओं के फ़ोन भी अटैंड नहीं करते हैं ? जिले में मुस्लिम राजनीति को हाशिए में पहुंचा दिया गया है ? इन मंत्रियो के परिवार के सदस्यों के हाथ राजनैतिक सत्ता की ताक़त है, जिले में एक भी मुस्लिम नेता ऐसा नहीं है जिसके कहने से कोई पटवारी, कोई थाने का सिपाही भी घास डालना नहीं चाहता है ? छोटे से छोटे काम के लिए इन नेताओं की चौखट पर ही दस्तक देने जाना पड़ता है ? लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इसके लिए मुस्लिम समाज के रहनुमा ख़ुद जिम्मेदार नहीं है ? पिछले दिनों खाजूवाला के एक बहुत बड़े मदरसे में कुरान हिफ्ज़ किए नए हाफिज, कारी साहबान का दश्तारबंदी का प्रोग्राम रखा गया था, यह प्रोग्राम खालिश धार्मिक था लेकिन हमने इसमें कांग्रेस की सियासत को शामिल कर दिया ? इस दश्तारबन्दी के इस्लामिक प्रोग्राम के मेहमाने खुशुशी आपदा मंत्री जनाब गोविन्द राम चौहान को बनाया गया ? सभी हाफिज ऐ कुरान की दशतार बंदी गोविन्द राम जी के कर कमलों से की गई ? बहुत अच्छा लगा , तो फिर आपको नाराज़गी कहां है ? मुख्य मंत्री के कार्यकर्ता सम्मेलन के बहिष्कार का ऐलान कर दिया गया, कुछ कांग्रेसी गए कुछ नहीं गए ? दिनांक 8 अप्रैल को गंगा शहर में हमारे मुस्लिम साथियों ने रोजा इफ्तयारी का प्रोग्राम रखा ? व्हाट्स अप के जरिए कार्ड भिजवाए गए ? मंत्री कल्ला साहब, भंवर सिंह जी, गोविन्द राम जी, रामेश्वर डूडी और मदन गोपाल मेघवाल को मुख्य अतिथि के रुप में बुलाया गया था, और सदारत पूर्व यू आई टी चैयरमैन हाजी मकसूद अहमद की रखी गई थी ! प्रोग्राम में कल्ला साहब और भंवर सिंह भाटी ने शिरकत की ? शहर के और भी हिन्दू और मुसलमान भाई शामिल हुए ? राजनैतिक रोजा इफ्तार पार्टी अच्छी रही ? अब आज दिनांक 9 अप्रैल को फिर बीकानेर पश्चिम के मुसलमानों के नाम से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन किए जाने का एक दावतनामा सोशल मीडिया में व्हाट्स अप ग्रुप में छपा है ? जिसमें मुसलमानों के कुछ पसन्ददिदा रहनुमाओं के नाम लिखे गए हैं ? बहुत अच्छा लगा यह कार्ड देख कर, बहुत खुशी हुई जानकर कि हम कहां से कहां तक पहुंच गए ? जब मुस्लिम समाज के रहनुमा कांग्रेस पार्टी के सत्ता पर काबिज़ नेताओं का इतने दिल से इस्तकबाल कर रहे हैं, शान से खैर मकदम कर रहे हैं तो फिर चंद रोज़ पहले बेचारे कांग्रेस पार्टी के नेताओं के कार्यकर्ता सम्मेलन का बहिष्कार क्यों किया ? आज के युवा मुसलमान साथी बेहद समझदार हो गए हैं ? सियासत की बारिकी को ज्यादा जानने लग गए हैं ? इन दिनों धर्म की आड़ में, धर्म के बहाने राजनीति चरम पर है ? ख़ैर अब मुस्लिम रहनुमाओं को ताक़त मिल जायेगी और जिला प्रशासन में उनकी भी तूती जोरों से चलनी शुरू हो जायेगी ? बधाई के पात्र हैं ? फकत बीकानेर की आवाज़ बीकानेर।