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कृषि व पशुपालन पर सरकार की बेरुखी से स्थिति दयनीय- विधायक सुमित गोदारा

आईरा समाचार लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने मंगलवार को विधानसभा में कृषि  एवं पशुपालन पर बोलते सरकार की बेरुखी व कागजी घोषणाओं पर आक्रोश जताया । विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में कृषि -पशुपालन किसानों का मुख्य व्यवसाय है । लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बेरुखी , बदनियती साफ झलकती है । केवल कागजी घोषणा करके सरकार खानापूर्ति कर रही हैं ।  विधायक गोदारा ने कृषि व पशुपालन में क्षेत्र की समृद्धि व मेहनत को दर्शाते हुए *”पीने को पानी मिले या ना मिले लेकिन पीने के लिए घी जरूर मिल जाता है”* कहावत का उल्लेख करते हुए कहा कि हम ऐसे क्षेत्र से आते हैं जहां पर पानी की समस्या हो सकती है लेकिन पशुपालन व कृषि में क्षेत्र के किसानों का कोई सानी नहीं है , जिसे प्रोत्साहन देने की जरूरत है । विधायक सुमित गोदारा ने पूर्व मुख्यमंत्री भैरू सिंह शेखावत का जिक्र करते हुए कहा कि 1990 में भैरुसिंह शेखावत द्वारा गांवों में ट्यूबेल के लिए प्रोत्साहित किया गया जिसके बाद एक नई शुरुआत हुई वही केसीसी किसानों के लिए वरदान साबित हुई है , केसीसी को किसानों के लिए क्रांति के रूप में देखा जा सकता है ।माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा किसानों को हर 6 माह में केसीसी जिसे रोलओवर करवाना होता था जिसको बंद कर किसान को राहत दी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की प्रशंसा करते हुए बताया कि वर्ष 2020 व 2021 में लूणकरणसर में खरीफ का 126 करोड़ व 107 करोड़ राशि मिली है । वही किसान सम्मान निधि योजना से लघु सीमांत किसान बड़े पैमाने पर इससे लाभान्वित हुए हैं जबकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा लगातार खेती व किसानों की अनदेखी की जा रही है जिसका प्रदेश का किसान 2023 में सत्ता से कांग्रेस को बाहर करके जवाब देगा । विधायक गोदारा ने लूणकरणसर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में मूंगफली सरसों में नए कीर्तिमान स्थापित हुए लेकिन जीएसएस नहीं बनने के कारण किसानों को बड़े स्तर पर नुकसान झेलना पड़ता है । जिस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है । वहीं लूणकरणसर क्षेत्र की राठी गाय विश्व प्रसिद्ध है यहां तक कि तमिलनाडु तक लोग यहां की राठी गाय लेकर जाते हैं , बड़े स्तर पर पशुपालन व दुग्ध उत्पादन के कारण दुग्ध डेयरी भी खूब आई है,विधायक गोदारा ने लूणकरणसर में मिनी फूड पार्क खोले जाने की भी मांग की वहीं कृषि मंत्री पर तंज कसते हुए विधायक गोदारा ने कहा कि कृषि मंत्री बीकानेर जिले के प्रभारी मंत्री हैं लेकिन ऐसा सुनने में आता है कि बीकानेर में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण प्रभारी मंत्री मीटिंग नहीं लेते हैं व बीकानेर जिले से दूरी बनाए हुए हैं ।विधायक गोदारा ने विधानसभा में डिग्गी निर्माण का मुद्दा भी उठाया विधायक गोदारा ने इसमें लॉटरी जिसके अंतर्गत लॉटरी सिस्टम को बंद करने व प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने की भी मांग की । विधायक गोदारा ने मुख्यमंत्री द्वारा बजट को किसानों का बजट बताए जाने पर भी चुटकी ली तथा इसे केवल कागजों की बात बताते हुए कागजी बजट बताया।

विधायक गोदारा ने बताया कि लूणकरणसर में डिग्गी निर्माण की 6500 फाइल पेंडिंग है लेकिन 1110 का ही टारगेट दिया गया है वहीं डिग्गी निर्माण का अनुदान बढ़ाए जाने की भी मांग की । इसके साथ क्षेत्र में पोली हाउस, ग्रीन हाउस किसानों द्वारा लगाए जाने का भी जिक्र करते हुए विधायक गोदारा ने इसको बढ़ाने की मांग वहीं क्षेत्र के प्रोगेसिव किसान आत्माराम बिश्नोई का जिक्र किया । हाई वेल्यू कल्टीवेशन में ढाई लाख की सब्सिडी जो बीज व लेबर के लिए दी जाती है जो जयपुर के आसपास के किसानों को ही दी जाती है पर ध्यान आकर्षित करते हैं सरकार से पश्चिम राजस्थान में भी इसका लाभ दिए जाने की मांग की । विधायक गोदारा ने कहा कि सोलर में बीकानेर में साढे दस हजार फाइल पेंडिंग है, पिछले 4 साल से 5 एच पी के कोई कनेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं जो सरासर किसानों के साथ अन्याय है । डिग्गी – सोलर – पॉलीहाउस का जिक्र करते हुए विधायक गोदारा ने युवाओं द्वारा कृषि क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार को प्रोत्साहन देने की मांग करते हुए कहा कि ड्रिप सिस्टम जो सरकार जो 3 साल पहले यूनिट कोष को मानकर चल रही थी जिसमें कंपनी के 145000 व  सरकार ₹127000 मान रही है जिसमें सब्सिडी 70% है जिसको बढ़ाने की जरूरत है  । वहीं विधायक गोदारा जलहौद को लेकर भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया ।जलहौद को लेकर भी सरकार से निवेदन किया जो ट्यूबेल पर जिस तरह नहरी क्षेत्र में बनते हैं इसमें दो लाख की लागत है और जो सब्सिडी बढ़ाई है लेकिन पिछले 4 साल में बीकानेर में एक भी जलहौद का टारगेट नहीं दिया गया । विधायक सुमित गोदारा ने बीजों की गुणवत्ता को लेकर भी सरकार व मंत्रालय को घेरते हुए कहा कि आज सरकार कृषि व पशुपालन पर बड़ी बड़ी बात कर रही है लेकिन बीज भी प्राइवेट कंपनियों के लाने पड़ते हैं ।जिसका में खुद साक्षी हूं । विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि मूंगफली का बड़े स्तर पर उत्पादन के बावजूद बीज गुजरात से लाना पड़ता है हमारे यहां मंत्रालय को इसको लेकर कोई अता पता ,कोई गाइडलाइन नहीं है । सरकार पूरी तरह किसानों के मुद्दे को लेकर सो रही है ।विधायक सुमित गोदारा ने लूणकरणसर में कार्यालय सहायक निदेशक कृषि विस्तार कार्यालय लूणकरणसर , महाजन में कृषि मंडी खोले जाने की मांग भी की । तथा किसानों को कृषि सिंचाई हेतु फव्वारा , पाइप लाइन आदि में अनुदान की बात रखी । विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि सरकार जैविक खेती के प्रोत्साहन की बात करती है लेकिन विभाग खुद अनजान बना हुआ है । बीकानेर में कृषि विश्वविद्यालय होने के बाद भी किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है । कृषि विश्वविद्यालय में साइंटिस्ट व डॉक्टर तो है लेकिन क्षेत्र को इससे कोई फायदा नहीं मिलता क्योंकि वह अपने कमरों से बाहर ही नहीं निकलते  है । विधायक सुमित गोदारा ने लंपी का जिक्र करते हुए कहा कि गांवों में हजारों गाय एक एक गांव में लंपी से खत्म हुई है लेकिन सरकार जो आंकड़ा कर्मचारियों के माध्यम से भेजा जा रहा हैं वह पूरी तरह झूठा है। लंपी में सरकार व सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल हो गया था ।गांव के नौजवान ,किसान व पशु प्रेमियों ने गायों को बचाने का बीड़ा उठाया था ।

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