एक पुतिन जैसी शख्सियत दिल्ली मे भी है जो दिल्ली में बैठकर ईडी सीबीआई व ईनकम टेक्स से मिसाइल दागता है, संजय रावत ने मोदी के लिए कहा,
आईरा वार्ता न्यूज़ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बहनोई के स्वामित्व वाली कंपनी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED)की रेड पर शिवसेना नेता संजय राउत भड़क उठे। उन्होंने भाजपा पर कई आरोप लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कर दी। ईडी ने उद्धव के साले श्रीधर पाटनकर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 फ्लैटों को सील कर दिया। इनकी कीमत करीब 6.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इसे लेकर वार-पलटवार तेज हो गया है।
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ” रूस-यूक्रेन युद्ध अभी भी जारी है। इसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। हम जैसे लोग हर दिन युद्ध का सामना कर रहे हैं। एक पुतिन जैसी शख्सियत दिल्ली में है। वह हर दिन हम पर लगातार मिसाइल दाग रहा है। इन मिसाइलों को कभी ईडी, कभी सीबीआई और कभी इनकम टैक्स के जरिए दागा जा रहा है। लेकिन फिर भी हम नहीं झुकेंगे। ज हम कह रहे हैं कि हम इससे बच गए हैं, देश का माहौल बदल गया है। “इससे पहले मंगलवार को राउत ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए संजय राउत ने कहा था, “महाराष्ट्र की जनता ठाकरे परिवार के बारे में अच्छी तरह से जानती है. यह तानाशाही की खतरनाक शुरुआत है। चार राज्यों में जीतना आपको देश का शासक नहीं बनाता है। हम जेल में जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन हम इस देश के लोकतंत्र के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हैं
राउत ने यह भी कहा था, “लगता है ईडी ने गुजरात जैसे दूसरे बड़े राज्यों में अपना दफ्तर बंद कर दिया है। महाराष्ट्र में सब कुछ हो रहा है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी परेशान किया जा रहा है. लेकिन न बंगाल झुकेगा, न महाराष्ट्र टूटेगा। आगे उन्होंने कहा कि श्रीधर माधव पाटनकर का रिश्ता सिर्फ महाराष्ट्र के सीएम तक ही सीमित नहीं है। वह हमारे परिवार के सदस्य हैं। उनका संबंध महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे तक सीमित नहीं है। ईडी उन राज्यों में जबरदस्त कार्रवाई कर रही है जहां भाजपा सत्ता में नहीं है।राकांपा नेता शरद पवार ने भी कहा था कि राजनीतिक हितों के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा था “केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक हितों के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। कुछ साल पहले तक ज्यादातर लोग ईडी के बारे में नहीं जानते थे, लेकिन आज इसका इतना दुरुपयोग किया जा रहा है कि गांवों में भी लोग इसके बारे में जानते हैं।