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सीआई विष्णुदत्त खुदकुशी प्रकरण:हाईकोर्ट में सीबीआई की एफआर खारिज

कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया के खिलाफ जमानती वारंट जारी
आईरा समाचार बीकानेर। राजस्थान पुलिस के जांबाज सीआई विष्णुदत्त विश्रोई सुसाइड केस में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। जोधपुर हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस केस में सीबीआई की एफआर को नामंजूर कर फिर से संज्ञान लेने के निर्देश देने के साथ सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया के खिलाफ जमानती वांरट जारी किया है। विधायक पूनिया पर बीकानेर संभाग के राजगढ़ थाने के तत्कालीन इंचार्ज विष्णुदत्त बिश्नोई को सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप है। ऐसे में सीआई विष्णुदत्त की मौत का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। जानकारी में रहे कि इस मामले की जांच में सीबीआई ने कृष्णा पूनिया पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए एफआर लगा दी थी। जानकारी में रहे कि जानकारी में रहे कि 23 मई 2020 को राजगढ़ के तत्कालीन थानाधिकारी विष्णुदत्त बिश्नोई ने सुसाइड कर लिया था। विष्णुदत्त के भाई संदीप बिश्नोई ने सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया पर परेशान करने का आरोप लगाया था। विष्णुदत्त के सुसाइड का जिम्मेदार कृष्णा पूनिया को बताते हुए संदीप ने एफआईआर दर्ज कराई थी।  सीबीआई की ओर से कोर्ट में पेश की गई फाइनल जांच  रिपोर्ट में कहा था कि कृष्णा पूनिया की ओर से विष्णु दत्त बिश्नोई को सुसाइड के लिए उकसाने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। यानी सुसाइड से कुछ समय पहले तक ऐसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, जिससे लगे कि उसी कारण सुसाइड किया गया है। हालांकि सीबीआई की रिपोर्ट में ये स्वीकार किया गया है कि पूनिया उन्हें फोन करती थीं,इसके कारण वो परेशान भी थे।
सुसाइड के वक्त ऐसा साक्ष्य नहीं मिला। अदालत ने इसी आधार पर एफआर को खारिज कर दिया है और पूनिया को तलब किया है। इस मामले की जांच पहले सीआईडी सीबी ने की थी। स्थानीय लोगों ने सीबीआई को जांच सौंपने की मांग की। इसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले को सीबीअई के हवाले कर दिया था। सीबीआई ने अपनी जांच में एफआर लगा दी थी। एफआर रिपोर्ट जोधपुर स्थित एसीएमएम  में पेश की गई। यहां अदालत ने इस मामले की फिर से जांच के आदेश देते हुए एफआर को नामंजूर को खारिज कर दिया। साथ ही, जमानती वारंट जारी करते हुए विधायक कृष्णा पूनिया को तलब किया है। इससे राजस्थान के सियासी गलियारों में हलचल सी मची हुई है। पुलिस निरीक्षक विष्णुदत्त एक तेज-तर्रार और जांबाज अफसर थे,जो बीकानेर में कोतवाली,गंगाशहर,व्यास कॉलोनी और श्रीडूंगरगढ़ में थाना प्रभारी रहे। पुलिस महकमे में सामाजिक नवाचारों को लेकर उनकी कार्यप्रणाली खासी चर्चाओं में रहती थी। उनकी लोकप्रियता का इसी से पता चलता है कि सोशल मीडिया पर उनके हजारों फॉलोवर थे।
–     बेटे ने भी कर ली थी खुदकुशी
जानकारी में रहे कि राजस्थान पुलिस के जांबाज सीआई विष्णुदत्त विश्रोई के सुसाइड से आहत होकर करीब एक साल उनके नाबालिग बेटे ने भी यहां खतुरियां कॉलोनी स्थित अपने आवास में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। नाबालिग पढ़ाई और खेल में होशियार तथा क्लाश ग्यारहवीं का छात्र था। पहले बाप फिर बेटे दोनों की मौत के बाद पूरा परिवार टूट गया था ।

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