बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में बीते दिनों धर्म परिवर्तन से जुड़ी खबर आई, यहां छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की ही सुलताना बेगम ने मंच से ही हिन्दू धर्म स्वीकार करने की घोषणा कर दी, इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने उसे नया नाम दिया शुभी, सुल्ताना से शुभी।
आईरा समाचार छत्तीसगढ़ के रायपुर में इन दिनों बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री की रामकथा चल रही है। इसी दौरान रायपुर में चल रही बागेश्वर धाम सरकार की कथा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के सामने एक मुस्लिम महिला ने हिंदू धर्म को अपना लिया। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री के मच पर घर वापसी करने वाली महिला ने मुस्लिम धर्म की खामियां गिनाई और हिंदू धर्म की जमकर तारीफ की। महिला ने कहा कि हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म नहीं है, हिंदू धर्म सभ्यता और संस्कार वाला धर्म है।
बागेश्वर धाम सरकार के सवाल ,इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, ‘इन बहन ने अपनी इच्छा से बागेश्वर बाला जी का चमत्कार देखा, ये भी सनातन हिंदू धर्म को सर्वोपरि मानकर आना चाह रही हैं। आप बोलेंगी या हम बोले…पहले नाम बताओ और परिचय बताओ। आप हिंदू धर्म में क्यों आना चाहती हैं बहन? आपका बहन सनातन हिंदू धर्म में स्वागत है। कल बहन आपका कथा मंच से नाम करण भी करवा दिया जाएगा
मुस्लिम महिला ने बताई वजह
वहीं हिंदू धर्म अपनाने वाली महिला ने कहा, ‘मैं ये कहना चाहती हूं पहले तो मेरा नाम सुलताना है। मैं छत्तीसगढ बिलासपुर से हूं, मेरे पिता का नाम आमिर खान है और मेरे 3 भाई हैं…मेरी माता का नाम सरबरी बेगम है। मेरे घरवालों ने मुझे त्याग दिया है क्योंकि मैं मूर्ति पूजा करती हूं। बोलते हैं मुस्लिम के नाम पर तू कलंक है,मरेगी तो जहन्नुम में जाएगी। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेरा मन बोलता है हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म हो ही नहीं सकता है कभी, क्योंकि ये धर्म एक सभ्यता वाला धर्म है, संस्कार वाला धर्म है। इसमें भाई बहनों में शादियां नहीं होती और इसमें औरतों की जिंदगी बर्बाद नहीं होती तलाक..तलाक..तलाक बोल कर। इसमें एक बार शादी होती है और सात फेरों की जिसमें सिंदूर का महत्व होता है, मंगलसूत्र का..पूरे सोलह शृंगार का। मैं दो बार मथुरा जाकर भी आ चुकी हूं, वहां से जन्मभूमि से लड्डू गोपाल खरीदकर पूजा करवाकर लाई हूं। घर में तीनों टाइम नहाकर..उनका भोग लगाकर जूठा खाती हूं..फिर खाना खाती