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परिवार एवं देश के साथ सत्यता से चलें, जीवन धर्मयुक्त ही रहेगा महर्षि उत्तमस्वामीजी।आईरा समाचार

पंचगनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर ईश्वरानंद स्वामीजी की सीख ; धर्म के प्रति समर्पण जरूरी।

बीकानेर। परिवार एवं संस्कृति के प्रति समर्पित रहें, यही व्यक्ति का सबसे बड़ा धर्म होना चाहिए। धर्म के प्रति सच्चा समर्पण रहने पर निश्चित ही कोई न कोई हनुमानजी बनकर हमारी सुरक्षा हेतु अवश्य पहुंचेगा। यह कहा उत्तम सेवा धाम बांसवाड़ा के ध्यान योगी, पंचगनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वरानंद महर्षि उत्तमस्वामीजी ने। वे सोमवार को यहां जयपुर रोड स्थित होटल बीकानेर बाग के विधिवत् पूजन पश्चात् शुभारंभ अवसर पर अपना संक्षिप्त अध्यात्मिक संदेश दे रहे थे। इस मौके पर पूज्य स्वामीजी ने कहा कि धन, पद, प्रतिष्ठा देखकर कभी किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं करना चाहिए। प्रसंगवश धर्म को विस्तार से परिभाषित करते हुए विभीषण, कुंभकरण और लक्ष्मणजी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि देश, प्रदेश, गांव, मोहल्ले व परिवार के साथ सत्यता से चलने वाले का जीवन धर्म युक्त ही रहेगा। सर्वथा स्व, परिवार, समाज एवं देश के कल्याण से बड़ा धर्म नहीं हो सकता है। पूज्यश्री उत्तम स्वामीजी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए मंदिर में बैठने, माला जपने से पहले मन व बुद्धि के द्वारा सत्य रूपी धर्म को स्वीकार करने की आवश्यकता है। ध्यान योगी उत्तमस्वामीजी ने कहा कि प्रतिकार ना हो, प्रेम उत्पन्न हो। परस्पर व्यक्ति का व्यक्ति तथा प्राणी मात्र के प्रति प्रेम, समन्वय, दया, त्याग व समर्पण की भावना बलवती रहनी चाहिए वही धर्म होगा, वही परमात्मा की सच्ची पूजा होगी। इस मौके पर विद्वान महर्षि उत्तम स्वामीजी के दर्शन, वंदन एवं आशीर्वाद लेने हेतु बीकानेर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व कर्नाटक के अनेक गणमान्य गुरु भक्तों ने शिरकत की।

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