मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत को मंत्री और बीकानेर जिलाधीश प्रकरण को आपस में प्यार से बिठाकर समाप्त करवाना चाहिए ।दोनों ही सही और दोनों ही गलत ?
मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत को मंत्री और बीकानेर जिलाधीश प्रकरण को आपस में प्यार से बिठाकर समाप्त करवाना चाहिए ।दोनों ही सही और दोनों ही गलत ?
आईरा समाचार ।मंत्री रमेश मीणा और बीकानेर जिलाधीश श्री भगवती प्रसाद कलाल का मुद्दा दिनों दिन ज्यादा तूल पकड़ता जा रहा है ? एक तरफ़ जहां IAS officers लॉबी मंत्री के खिलाफ़ लामबन्द हो रहे हैं , इस बात पर अड़े हुए हैं कि मंत्री को हटाया जाए तो दूसरी ओर गहलोत सरकार पहले से ही अस्थिर सी चल रही है, यह चर्चा है कि दिन गिन गिन कर निकाले जा रहे हैं ?
रमेश मीणा को सचिन पायलट की लॉबी का माना जा रहा है , ऐसे में सरकार द्वारा भी मीणा पर दबाब भी नहीं डाला जा सकता? लेकिन यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के एक गुट द्वारा मीणा के खिलाफ़ ब्यूरोक्रेसी में माहौल भी पैदा किया जा रहा है ताकि और नहीं तो अधिकारीयों में तो विलेन बन जाए ? जानकार लोगों का मानना है कि यह कोई इतना बड़ा मुद्दा नहीं है कि जिसका प्रेम से निपटारा ना हो सके ? क्योंकि गलती दोनों फरीकेंन से हुई है ? बीकानेर जिलाधीश श्री भगवती प्रसाद कलाल की निजी रेप्यूटेशन अच्छी है, जनता के बीच लोकप्रिय है, धीरज वाले मृदु भाषी माने जाते हैं, किसी को अधिक शिकायत नहीं है, लेकिन उनकी गलती यह थी कि मंत्री जी की मीटिंग में मोबाइल अपने पी ए को देकर रखना चाहिए था, चलती मीटिंग में मोबाइल से बात नहीं करनी चाहिए थी ? दूसरी ओर मंत्री जी को भी बड़पन का परिचय देना चाहिए था ? प्रेम और इज़्जत से भी एक आईएएस अधिकारी को कहा जा सकता था ?इसके अतिरिक्त दूसरे दिन भी मंत्री जी ने IAS officers के लिए जो बयान जारी किए, वह किसी पढ़े लिखे शख्स को शोभा देने वाले नहीं थे ? उन बयानों ने आग में घी डालने का काम किया , मुख्य मंत्री श्री अशोक गहलोत को राजनीति का बेतहासा अनुभव है, प्रशासनिक अधिकारियों में बेहद इज़्जत है, आज मुख्य मंत्री की बात कोई नहीं टालेगा ।
अशोक जी को चाहिए कि मंत्री जी और जिलाधीश बीकानेर की आपस में एक जगह बिठा कर सौहार्दपूर्ण माहौल में वार्ता करवा कर विवाद को खतम करवा दिया जाए, इसी में कांग्रेस सरकार की भलाई है और सरकार की भी यह अहम जिम्मेदारी भी है ।
आम अवाम
बीकानेर।