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राज्य व्यापी रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन को बीएसएनएलईयू द्वारा समर्थन देने की घोषणा कमल सिंह गोहिल

   राज्य व्यापी रोडवेज कर्मचारियों के आंदोलन

आईरा वार्ता अख्तर भाई बीकानेर। बुधवार को रोडवेज कर्मचारियों के नवें चरण के आंदोलन के समर्थन में बीएसएनएलईयू के प्रदेशाध्यक्ष कमल सिंह गोहिल के नेतृत्व में बीएसएनएलईयू के जिला सचिव  गुलाम हुसैन, नारायण दत्त मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश भार्गव,  मोहम्मद गुलजार भाटी,  मारूफ पठान,  अजय सोलंकी ओर अनेकों साथी श्रीगंगानगर रोड़ स्थित केन्द्रीय रोडवेज बस स्टैंड ओर कार्यशाला स्थिति रोड़वेज के धरना आंदोलन स्थल पर पहुंचे बीएसएनएलईयू की ओर से आंदोलन को समर्थन दिया गया।

इस अवसर पर कमल सिंह गोहिल में आंदोलनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले भाजपा सरकार के शासनकाल में भी रोडवेज कर्मचारियों का आंदोलन चल रहा था, उस दौरान भी हम यहां समर्थन दने आये उस समय सरकार ने वार्ता के नाम पर आंदोलन को लंबा खींचा ओर अंततः चुनाव आचार सहिंता के नाम पर रोडवेज कर्मियों के साथ छलावा कर उनके आंदोलन को निष्फ़ल कर दिया।

उस समय वर्तमान सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने रोडवेज कर्मचारियों की मांगो को जायज ठहराया तो फिर आज कांग्रेस सरकार के चार साल से अधिक शासन में क्यों रोडवेज कर्मचारी अपनी जायज मांगो के लिये प्रताड़ित हो रहें हैं। खाचरियावास अब चुप क्यों है ?

रोडवेज कर्मचारियों की जायज मांगों की व्यथा कथा कौन सुनेगा ? इन कर्मचारियों का क्या दोष है?

उनकी तो यही मांग है को सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिले और कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिले।

ओर जनता के हित मे नई बसों की मांग है और पुरानी बसों के रख रखाव के लिये बजट मांग रहे हैं। इसमें वे ऐसा क्या मांग रहे हैं जिस पर अपने आपको जन कल्याणकारी सरकार कहने वाली सरकार उनके पिछले तीन माह से चल रहे आंदोलन पर विचार नहीं कर रही।

आज राजस्थान सरकार, उसके नुमाईंदों, नोकरशाहों ओर मंत्रियों की संवेदनशीलता कहां गई। क्या चक्का जाम करने पर ही उनकी मांगें मानी जायेगी।

यदि राजस्थान सरकार इसी तरह हठधर्मिता दिखाती रही तो राजस्थान एवं केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी ट्रेड संगठन के कर्मचारी सामूहिक हड़ताल करने को विवश होंगें क्योंकि इस निजीकरण कर दौर में यदि अपने अपने विभागों को बचाना है तो सभी ट्रेड यूनियनस को एक होना ही होगा।

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