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क्या बीकानेर जिलाधीश कलाल का मंत्री की चलती मीटिंग में मोबाइल से बात करना जायज़ कहा जायेगा

क्या बीकानेर जिलाधीश कलाल का मंत्री की चलती मीटिंग में मोबाइल से बात करना जायज़ कहा जायेगा ।क्या प्रजातंत्र में सरकार ब्यूरोक्रेट्स ही चलायेंगे ?


क्या मंत्री भी अधिकारियों के हाथों कठपुतली बन,जायेंगें
दिनांक 20 नवम्बर को बीकानेर शहर में पंचायती राज्य मंत्री श्री रमेश चन्द्र मीणा द्वारा बीकानेर के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण मीटिंग ली जा रही थी ? मीटिंग में राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के लिए जनउपयोगी योजनाओं को लेकर पंचायती राज्य मंत्री रमेश मीना द्वारा अधिकारियों के बीच चर्चा की जा रही थी ?मंत्री रमेश मीणा द्वारा मुख्य मंत्री की योजनाओं और सरकार के आदेशों और निर्देशों को बताया जा रहा था लेकिन बीकानेर के जिलाधीश कलाल अपने मोबाइल पर किसी से बात करने में व्यस्त थे ? निश्चित रूप से मिनिस्टर को यह नागवार गुजरा, उन्होंने जिलाधीश को चलती मीटिंग में मोबाइल से बात करने पर टोका और कहा कि यदि आपको मोबाइल पर बात करना ज्यादा जरूरी लगता है तो मीटिंग से बाहर जाकर बात कीजिए ?जिलाधीश कलाल इस पर उठ कर बाहर चले गए ? इस बात का दो दिन से हंगामा खड़ा कर दिया गया है ? दो दिन से कर्मचारियों और भाजपा के चंद नेताओं ने मंत्री के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है ? बीकानेर कांग्रेस के भी कुछ छुटपइए नेताओं ने भी ब्यूरोक्रेट्स के तेल लगाने के चक्कर में कांग्रेस के मंत्री के खिलाफ़ बयान जारी किए हैं ? भाजपा के चंद नेताओं ने मंत्री को बर्खास्त करने की मुख्यमंत्री से मांग की है ? चाय के प्याले में तूफ़ान खड़ा करने का प्रयास किया है ? पूर्व विधायक राजस्थान के मशहूर एडवोकेट आर के दास गुप्ता ने जिलाधीश के मीटिंग के दोरान मोबाइल से वार्ता की कठोर शब्दों में निन्दा की है ? पूर्व विधायक गुप्ता ने बताया कि मिनिस्टर की मीटिंग के वक्त जिलाधीश के पास मोबाइल होना ही नहीं चाहिए था ? जिलाधीश को मीटिंग के डेकोरम का ख्याल रखते हुए अपने मोबाइल को अपने पर्सनल सेक्रेट्री के पास रखना चाहिए था ?पूर्व विधायक आर के दास गुप्ता ने कहा कि जिलाधीश स्वयं जबअपने अधिकारियों के साथ कोई मीटिंग करते हैं और उस वक्त उनका कोई सबोर्डिनेट अधिकारी यदि चलती मीटिंग में किसी से मोबाइल पर बात करे तो क्या जिलाधीश कलाल उसे उचित मानेंगे ? जब जनता के लोग जिलाधीश या एस पी या आई जी पुलिस या संभागीय आयुक्त के पास मिलने के लिए जाते हैं तो जनता के हर शख्स को अपना मोबाइल बन्द करना पड़ता है या मोबाइल गेट के बाहर रखना पड़ता है ? अदालतों के भीतर वकीलों को भी अपने मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित है , अदालतों में हर किसी को अपने मोबाइल बाहर ही रखने पड़ते हैं , तो फिर मंत्री की चलती मीटिंग में जिलाधीश का मोबाइल से बात करना जायज़ कैसे हो सकता है ? इस तरह सरकार कैसे चल सकती है ? पूर्व विधायक आर के दास गुप्ता जी ने बताया कि एक मर्तबा राजस्थान के पूर्व मुख्य मंत्री श्री मोहन लाल सुखाडिया मंत्रिमंडल की मीटिंग ले रहे थे , उस वक्त रेवेन्यू मिनिस्टर चौधरी कुम्भा राम आर्य थे । मीटिंग में चीफ सेक्रेट्री ने एक फाइल कुम्भा राम आर्य को पकड़ा दी कि इस सम्बंध में आप बताएं ? वह फाइल को मंत्री के सामने पहले रखी जानी चाहिए थी ? कुम्भा राम आर्य ने वह फाइल चीफ सेक्रेट्री के मुंह पर फैंक दी , और कहा कि सरकार हम चलाते हैं , क्या फाइल तुम पेश करोगे ? मीटिंग में सन्नाटा पसर गया, मुख्य् मंत्री सुखाडिया को मीटिंग एडजॉर्न करनी पड़ी और चीफ सेक्रेट्री को मिनिस्टर कुम्भा राम आर्य से माफ़ी मांगनी पड़ी ?मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जिलाधीश कलाल की तारीफ़ करते हुए बयान जारी किया है कि जिलाधीश अच्छे आदमी है ? जिलाधीश को किसने गलत आदमी बताया लेकिन जिलाधीश के इस कृत्य को कैसे उचित ठहराया जा सकता है ? भाटी को मंत्री मीणा के पक्ष में खड़ा होना चाहिए था ? राजस्थान सरकार को चाहिए कि इस प्रकरण पर गम्भीरता से मनन कर तत्काल प्रभाव में जिलाधीश को बीकानेर से हटाए ताकि भविष्य में फिर ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोका जा सके और सरकार का इक़बाल कायम रह सकें ?
मोहब्बत अली तंवर एडवोकेट
आम अवाम
बीकानेर ।

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