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 गंगाशहर की धरा पर प्रथम बार एक साथ 64 तपस्वियों द्वारा अठाई तप।केंद्रीय मंत्रीअर्जुनराम मेघवाल पहुंचे

पर्युषण महापर्व पर अठरंगी तप की अनुमोदना में पहुंचे केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल

10 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक के तपस्वी बने तप के महायज्ञ में संभागी’

आईरा वार्ता समाचार बीकानेर। देशभर में जैन धर्म का महापर्व पर्वाधिराज पर्युषण पर हर ओर श्रावक समाज विशेष जागृति के साथ धर्माराधनाए त्याग, तपस्या में जुटा हुआ है। अध्यात्म का यह पर्व सभी को त्यागदृतप की प्रेरणा देता है। इसी कड़ी में ध्यान दिवस के दिन गंगाशहर तेरापंथ भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण के अज्ञानुवर्ती मुनि श्री शांतिकुमार जी एवं सुशिष्य मुनि श्री जितेंद्र कुमार जी ठाणादृ9 के मंगल सान्निध्य में अठरंगी तप एवं 64 अठाई तप का सामूहिक प्रत्याख्यान हुआ।
सामुहिक तपोभिनंदन के इस अवसर पर हजारों की तादात में श्रावक समुदाय ॐ अर्हम की ध्वनि द्वारा हर्षाभिव्यक्ति दे रहे थे। गंगाशहर के इतिहास में यह प्रथम अवसर है जब अठरंगी एवं इतनी अठाई तपस्या एक साथ हुई हो। मुनिश्री की प्रेरणा से हुए इस सामूहिक अठाई तप में 10 वर्ष के बालकदृबालिकाओं से लेकर 80 वर्ष तक के वयोवृद्ध श्रावकदृश्राविकाओं ने तपस्या में भाग लिया और आठ दिन तपस्या कर पानी के अतिरिक्त कुछ ग्रहण नहीं किया। कई तो ऐसे थे जिन्होंने आज तक उपवास से आगे कुछ नहीं किया था और इस बार आगे बढ़े। मंगलवार के तपोभिनंदन समारोह में केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल सम्मिलित हुए एवं तपस्वियों के प्रति अनुमोदना प्रकट की। मुनि श्री जितेंद्र कुमार जी ने कहा की तपस्या आत्म निर्जरा का बहुत बड़ा साधन है। मुझे खुशी है की हमने जो तपस्या का लक्ष्य बनाया उसमें सबने उत्साह से सम्मिलित होकर श्रावक समाज ने उसे पूरा किया और तप के इस यज्ञ में अपनी आहुति दी।: गंगाशहर क्षेत्र के श्रावक समाज में श्रद्धा भावना विशेष रूप से नजर आती है। मुनि सुधांशु कुमार जी के प्रति भी बहुत अनुमोदना उन्होंने प्रेरणा देने के साथदृसाथ स्वयं भी अठाई तप को स्वीकार किया। तत्पश्चात मुनिश्री ने अठरंगी एवं सामूहिक अठाई करने वाला का नामोल्लेख करते हुए अनुमोदना प्रकट की। मुनि श्री शांतिकुमार जी ने कहा की गंगाशहर में एक साथ इतनी तपस्या होना बड़ी बात है। हर उम्र के श्रद्धालुओं ने तपस्या में जुड़कर एक उदाहरण पेश किया है। संतों का भी अच्छा श्रम रहाए प्रतिदिन घरदृघर जाकर दर्शनए प्रेरणा देने से समाज में एक विशेष उत्साहए उमंग है। इतनी तपस्या देख निश्चित कहा जा सकता है की श्रावक समाज ने संतों के श्रम को सफल किया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा की जिसमें आत्मबल होता है वही तपस्या कर सकता है। पर्युषण के साथ में तपस्या यह आत्म विवेचन का समय है। तपस्वियों के प्रति बहुतदृबहुत अनुमोदना।

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