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सविधान की इज्ज़त करना ही हमारा कर्तव्य है।श्री सरजूदास महाराज बीकानेर

युवाओं ने मनाया महंत सरजू दास  का जन्मदिन

आईरा वार्ता,बीकानेर।श्री श्री 108 श्री अखिल भारतीय महामंडलेश्वर श्री सरजूदास जी महात्यागी महाराज ( महंत रामझरोखा कैलाशधाम,गंगाशहर) ( सर्व साधु सेवा समिति अध्यक्ष, बीकानेर) का रविवार को 30 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर रविवार सुबह राम झरोखा धाम मे रूद्राभिषेक, गुरू पूजन, सरजूदास जी महाराज द्वारा लक्ष्मीनाथ मंदिर के दर्शन, गौमाता को हरा चारा, राम झरोखा धाम मे सुंदर कांड पाठ एवं प्रसादी का वितरण कर अपने जन्मदिन को मनाया । सरजुदास जी महाराज के 30 वें जन्मदिन को मनाने राम झरोखा धाम परिसर में कई युवा पहुंचे जिनमें बीकानेर व्यापार जगत से सोनू चड्डा, निरज अग्रवाल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व जिला सयोंजक महैन्द्र ढाका, छात्र नेता एवं पत्रकार भवानी आचार्य, पत्रकार के. कुमार आहूजा, पत्रकार अख्तर भाई , पत्रकार आर सी सिरोही एवं अन्य युवाओ ने भी गायों को हरा चारा, गुड खिलाकर महाराज के जन्म दिन पर लिया उनसे आशीर्वाद। जिनमें जेठू सिंह ,राकेश, लक्ष्मण सिंह राजपुरोहित ,कार्तिक गहलोत ,मनीष ,स्वरूप सिंह, कमल सोलंकी, शशिकांत गहलोत सहित आदि युवा मौजूद रहे।इस अवसर पर महंत सरजूदास जी ने बताया कि आज परम पूज्य श्री सियाराम जी गुरु महाराज और महाराज जी की कृपा से 30 साल का पूर्ण होकर 31 में प्रवेश कर रहा हूं। मे मेरे जन्म उत्सव को मनाता हूं,ओर मनाना भी चाहिए , मगर संस्कृति के साथ मनाना चाहिए, जितने भी समय हम गलत जगह ,गलत संगत में खत्म कर रहे हैं, उस समय को भगवान, गुरुजनों, संत जनों के सानिध्य में, माता पिता के सानिध्य में रहकर बिताये तो मेरा जीवन ,मेरी संस्कृति, मेरे आने वाली पीढ़ी, गलत दिशा पर नहीं जाएगी , इसलिए आज हमको असंगत करना नहीं चाहिए ,जो मेरी संस्कृति की संगत है, संस्कृति मेरी भारत की न्यू है, इसलिए मुझे संस्कृति कहां मिलती है ,गौ माता की सानिध्य में ,संतों के सानिध्य में, मात-पिता की साथ में सत्संग, में इसी के साथ शोभाग्यशाली हुं की मेरा आज निर्जला एकादशी के दिन जन्मदिन हुआ है, जो भगवान कृष्ण के शुक्ल पक्ष में हुआ था, और मेरा भी आज के दिन हुआ है।सनातनी धर्म सभी धर्मों का सम्मान करता है, हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई एवं सभी अगर समस्त धर्मो को एक नजर से देखेंगे तो कोई धर्म के नाम पर नही लड़ेगा औऱ सभी धर्मो की इज्ज़त करना हमारा धर्म है कर्तव्य है और सदैव रहेगा ।सविधान की इज्जत करना ही हमारा कर्तव्य हैं,देश में सविधान सब के लिए एक है और एक ही रहना चाहिए। सदैव रहे और बीकानेर वो शहर है जिसको शांति सौहार्द के लिए देश ही नही पूरे विश्व मे जाना जाता है।और छोटी काशी बीकानेर को इसलिए कहा जाता है। और सदैव हम यही चाहते है।कि सदैव हमारा बीकाणा सदैव शांति शौहार्द के लिए जाना जाता है और आगे भी जाना जाए ।सदैव एकता अखंडता के लिये जाना जाए।

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