बीकाकानेर भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात ने भाजपा कार्यालय समतानगर में मनाई सुन्दर सिंह भण्डारी की पुण्यतिथि
सुंदर सिंह भण्डारी अपनी सादगी और वैचारिक स्पष्टता से विरोधियों का भी मन जीत लेते थे-जिलाध्यक्ष सारस्वत
आईरा वार्ता बीकानेर- भारतीय जनता पार्टी बीकानेर देहात ने आज जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के संस्थापक सदस्य रहे सुन्दरसिंह भण्डारी की पुण्यतिथि आज भाजपा कार्यालय समतानगर में मनाई गई।जिसमें जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत ने सुन्दर सिंह भण्डारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्प भेंटकर जयति मनाई जिसमें भाजपा जिला पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल ऊश्रद्धांजलि को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ताराचंद सारस्वत ने भण्डारी जी जीवन परिचय बताते हुऊ कहा कि 1951 में डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने ’भारतीय जनसंघ‘ की स्थापना कर गुरुजी से कुछ कार्यकर्ताओं की मांग की। उनके आग्रह पर दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख के साथ भंडारी को भी इसमें भेज दिया गया। 1951 में संघ द्वारा इन्हें राजनीतिक पार्टी भारतीय जनसंघ की स्थापना के लिये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। स्थापन से लेकर 1964 तक वे भारतीय जनसंघ के महामंत्री एवं १९६३ में जनसंघ के अखिल भारतीय मंत्री बनें। दीनदयाल उपाध्याय के निधन के पश्चात ये १९६८ में जनसंघ के अखिल भारतीय संगठन महामंत्री बने।प्रारम्भ में वे राजस्थान में ही जनसंघ के संगठन मन्त्री रहे। उनके प्रयास से १९५२ के चुनाव में राजस्थान से जनसंघ के आठ विधायक जीते। बहुत शीघ्र ही जनसंघ का काम गांव-गांव में फैल गया। वे अति साहसी एवं स्थिरमति के व्यक्ति थे। कश्मीर सत्याग्रह के दौरान २३ जून, १९५३ को डॅा. मुखर्जी की जेल में ही षड्यन्त्रपूर्वक हत्या कर दी गयी लेकिन भंडारी ने उसी दिन स्वयं को एक सत्याग्रही जत्थे के साथ गिरफ्तारी के लिए प्रस्तुत कर दिया।१९६६ से १९७२ तक वे राजस्थान से एवं १९७६ में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य रहें। आपातकाल के दौरान वे १९७६ में मीसा बंदी के रूप में जेल में भी रहे। आपातकाल के विरुद्ध हुए संघर्ष में वे भूमिगत रहकर काम करते रहे पर कुछ समय बाद वे पकड़े गये। जेल में उन्होंने अपनी सादगी और वैचारिक स्पष्टता से विरोधियों का मन भी जीत लिया। जेल से ही वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।दो बार उन्हें राजस्थान से राज्यसभा में भेजा गया। तीसरी बार उन्होंने यह कहकर मनाकर दिया कि अब किसी अन्य कार्यकर्ता को अवसर मिलना चाहिये लेकिन रज्जू भैया एवं शेषाद्रि के आग्रह पर वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में जाने को तैयार हुए। केन्द्र में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में वे १९९८ में बिहार और १९९९ में गुजरात के राज्यपाल तथा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष रहे।संघ, जनसंघ और भा.ज.पा. को अपने संगठन कौशल से सींचने वाले सुंदर सिंह भंडारी का ८४ वर्ष की सुदीर्घ आयु में २२ जून, २००५ को प्रातः नींद में हुए तीव्र हृदयाघात से देहान्त हो गया।आज श्रध्दांजली सभा में जिला महामंत्री कुम्भाराम सिद्ध जिला मंत्री देवीलाल मेघवाल अरविंद चारण ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष भंवरलाल जांगिड़ मण्डल अध्यक्ष तोलाराम कुकणा मण्डल अध्यक्ष जसवंत दैया नरेश सारस्वत दीनदयाल सारस्वत सहित भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।