बरेली की मुस्लिम लड़की की लव मैरिज के बाद मौत पर विवाद–जनाजे की नहीं पढ़ाई नमाज,इमाम बोले लड़की इस्लाम छोड़ चुकी थी उसके धर्म के मुताबिक करो अंतिम संस्कार,
बरेली की मुस्लिम लड़की की लव मैरिज के बाद मौत पर विवाद – जनाजे की नहीं पढ़ाई नमाज
आईरा समाचार इकबाल खान ,उत्तरप्रदेश बरेली के थाना किला क्षेत्र के जखीरा मोहल्ले में रहने वाली इल्मा नाम की मुस्लिम युवती ने करीब दो साल पहले हिंदू युवक राहुल से लव मैरिज की थी और धर्म परिवर्तन कर लिया था। परिवार इस शादी से खुश था, लेकिन समाज के लोग इससे नाराज़ थे। कुछ समय से बीमार चल रही इल्मा की 31 मई को मौत हो गई।
मौत के बाद जब परिवार ने जनाजे की नमाज और मुस्लिम रीति से दफनाने की तैयारी की, तो मोहल्ले के इमाम, उलेमा और मस्जिदों ने जनाजे की नमाज पढ़ाने और कब्रिस्तान में दफनाने से साफ इनकार कर दिया। यहां तक कि जनाजे के लिए खटोला (चारपाई) भी नहीं दी गई। मृतक के पिता ने कई मस्जिदों के इमामों से गुहार लगाई, लेकिन मस्जिद इमाम ने कहां देखो लड़की अपने राजी खुशी हिंदू धर्म अपनाया था और अपनी मर्जी से हिंदू धर्म मुताबिक हिंदू रीति रिवाज से शादी की थी अब वह बेचारी हिंदू थी उसके धर्म के मुताबिक उसका अंतिम संस्कार करो लड़की के पिता जबरदस्ती कर रहे हैं,की कब्रिस्तान में दफन करो जो कि गलत है।
आखिरकार,पिता की जिद्द पर पुलिस की मौजूदगी में इल्मा को बिना जनाजे की नमाज के कब्रिस्तान में दफनाया गया। इस दौरान परिवार के अलावा कुछ ही लोग मौजूद थे। मुफ्ती और इमामों का कहना था कि चूंकि लड़की ने इस्लाम छोड़ दिया था, उसका अधिकार हिंदू रीतिरिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार श्मशान में बनता है। लड़की के पिता की जिद्द नहीं चलेगी। लड़की के धर्म के मुताबिक ही मृतका अंतिम संस्कार होना चाहिए। ओर वैसे भी इस्लामी शरीयत के अनुसार उसकी जनाजे की नमाज नहीं पढ़ी जा सकती और कब्रिस्तान में दफनाने का भी हक नहीं है। अब यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। ओर सोशल मीडिया पर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है।