सैनिक अधिकारी द्वारा जवान की मौत को आत्महत्या बताना निंदनीय – हनुमान बेनीवाल ,सैनिक कस्वा की गोली लगने से मौत का मामला ,तीसरे दिन भी सड़क जाम,धरना जारी
सैनिक अधिकारी द्वारा जवान की मौत को आत्महत्या बताना निंदनीय – हनुमान बेनीवाल ,सैनिक कस्वा की गोली लगने से मौत का मामला ,तीसरे दिन भी सड़क जाम,धरना जारी
आईरा समाचार,अख्तर भाई, बीकानेर । बीकानेर जिले के पांचू के रहने वाले सैनिक रामस्वरूप कस्वां की श्रीनगर के अनंतनाग में हुई मौत के मामले में गतिरोध खत्म नही हो रहा है शनिवार को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पहुंच रहे। तीसरे दिन भी ग्रामीणों ने बीकानेर जयपुर हाइवे को जाम रखा। परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने से इंकार करते हुए शहीद का दर्जा देने की मांग रखी है। लेकिन वार्ता में बात नही बनने पर अब ग्रामीण आक्रोशित हो रहे है। धरना स्थल से एक बार युवाओ ने सड़क पर आकर नारेबाजी करते हुए माहौल को गरमा दिया। लेकिन पुलिस ने समझाइश करते हुए वापस धरना स्थल पर भेज दिया। धरना स्थल पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव शिवलाल गोदारा, उदारामसर सरपंच प्रतिनिधि हेमंत यादव, बिशनाराम सिहाग , तोलाराम सिहाग, मोहन पूनिया, विजय पाल सहित कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। फिलहाल मांगे नही माने जाने तक हाइवे पर धरना जारी है। वहीं दूसरी आज शनिवार की शाम को आरएलपी सुप्रीमो एवं नागौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद हनुमान बेनीवाल भी पहुंचें। इस अवसर बेनीवाल ने कहा, बीकानेर में एक सैनिक अधिकारी द्वारा जवान की मौत को आत्महत्या बताना निंदनीय है। सेना के कैंपस में आम आदमी नहीं जा सकता। वहां कैसी घटना हुई,क्या मामला है इसकी जांच भी सेना करती है। उसकी रिपोर्ट आये बगैर मौत को आत्महत्या बताना जवान की शहादत का अपमान है। सेना में ड्यूटी के ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने, गाड़ी पलटने या एक्सीडेंट होने जैसे मामलों में भी शहीद का दर्जा देने के कई उदाहरण मौजूद हैं।
(फोटो 01 संलग्न।)