बीकानेर में किसान नेता स्व.जेठाराम जी डूडी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष की भांति श्रदांजलि,पुष्पांजलि कार्यक्रम में शिरकत की ओर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया,
आईरा ऑनलाइन समाचार,भवानी आचार्य बीकानेर
आज स्थानीय जाट धर्मशाला जैसलमेर रोड़ बीकानेर में किसान नेता स्व. जेठाराम डूडी की पुण्यतिथि पर हर वर्ष की भांति श्रदांजलि,पुष्पांजलि कार्यक्रम में शिरकत की ओर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया,इस बार उनके ज्येष्ठ पुत्र श्रीमान रामेश्वर डूडी के अस्वस्थ होने के कारण वो अनुपस्थित रहे,लेकिन उनकी जगह नोखा विधायक श्रीमती सुशिला रामेश्वर डूडी विराजमान रही हालांकि माल्यार्पण लाइन के लोगों की नजरें अपने चहेते नेता किसान केसरी श्रीमान रामेश्वर जी डूडी को ढूंढ रही थी,वहीं उनकी धर्मपत्नी सुशीला जी डूडी को देखकर संतोष भी हो रहा था,पहली बार पति के स्थान पर बैठकर आगन्तुंको का अभिवादन कर रही थी वाकई में इतनी धैर्यवान,मजबूत लेडी को सेल्यूट।जेठाराम जी के बारे में बहुत से लोग बहुत कुछ जानते है,लेकिन कुछ बातें नहीं जानते जिसमे से एक बात जो उनके व्यक्तित्व को चार चांद लगाने वाली है।
आज में बताता हूँ। बात लगभग 94-95 की है। उनकी मितव्ययता व बड़े दिल की,खाजूवाला बीकानेर कारोबार के कारण अक्सर उनका आना जाना रहता था,हालांकि घर मे गाड़ियों की कोई कमी नही थी। फिर भी वो लगभग रोडवेज बस से ही सफर किया करते थे। एक बार की बात है, खाजूवाला से बीकानेर लास्ट बस में बीकानेर रवाना हुए जो शाम 6 बजे चलती थी उसके बाद कोई बस नहीं हुआ करती थी। उस दिन जालवाली के आस पास बस खराब हो गई,सवारियां भी कम थी,सवारियां,कुछ अन्य साधनों से लिफ्ट लेकर जाने लगी,जेठाराम जी सड़क किनारे खड़े थे सर्दी का समय था कोट पेंट उनका पहनावा था और,गले मे मफलर इतने में उनका एक ट्रक खाजूवाला से बीकानेर के लिए जाने वाला आया उनके काफी ट्रक होते थे। स्टाफ सब उनको जानते थे,में भी उस ट्रक में बीकानेर आ रहा था,क्योंकि में भी उस समय स्ट्रगल कर रहा था तो किराया बचाने के चक्कर मे डूडी साब के ट्रकों में ही आना जाना करता था,क्योंकि मुझे किराए की छूट जो थी। ड्राइवर ने ट्रक रोका तो सवारियां चढ़ने लगी,खलासी जो दो दिन पहले ही आकर ट्रक पर लगा था। उसने सबको अपने अंदाज में किराया बता दिया सब सवारियां चढ़ गई में केबिन में अंदर ड्राइवर के पास बैठा था,एक दो सवारी ओर केबिन में थी हमारे साथ जेठाराम जी भी केबिन में गेट के पास बैठ गए। खलासी ने पीछे बैठी सवारियों से पैसे ले लिए ओर ऊपर से गेट के पास जेठाराम जी से भी किराया ले लिया और उन्होंने चुपचाप दे दिया यह बात हम केबिन में बैठने वालों को व ड्राइवर को पता नहीं चली। पूगल फांटे पर सब सवारियों को उतारा क्योंकि वहां उतारकर ट्रक डूडी पम्प पर खड़ा होना था। तब जेठाराम जी उतरने लगे तो ड्राइवर ने कहा साब आप बैठो घर छोड़ आता हूँ,आपको छोड़कर पम्प आ जाएंगे। उनको घर उतारकर वापस पेट्रोल पंप आने लगे तब खलासी(कंडक्टर) ने पूछा इस सवारी को यहां कैसे छोड़ा क्योंकि वो नया था,वो जानता नहीं था,ड्राइवर तुरन्त समझ गया में भी साथ था,ड्राइवर ने कहा तूने उनसे किराया तो नहीं लिया खलासी का एकदम से मुंह उतर गया। ड्राइवर ने कहा वो हमारे मालिक थे जेठाराम जी डूडी उसने कहा मेने तो किराया ले लिया और उन्होंने दे भी दिया। में पेट्रोल पंप उतरकर घर चला गया जो डूडी पम्प के पीछे ही है। मुझे उस रात आराम की नींद नहीं आई इस सोच में कि जेठाराम जी ने किराया क्यों दिया,इसी बात को लेकर खलासी पूरी रात नहीं सोया अलसुबह बिना बताए दो या तीन दिन काम किया होगा बिना बताए नॉकरी छोड़कर चला गया। वो दिन है और आज का दिन उस खलासी को मैने तो कभी नही देखा। जेठाराम जी ह्र्दयदिल इंसान थे ट्रक वालों का उनको पता था की ये लोग किराया लेते है तो उनको यह छूट थी कि खाली ट्रक हो तो रास्ते मे मिलने वाली सवारी को चढ़ा लिया करो और किसी के पास किराया ना भी हो तो छूट दे रखी थी। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी थे,आज उनके पदचिन्हों पर उनका परिवार चल रहा है। ऐसी महान शख्शियत को सादर नमन करता हूँ।
भागीरथ आचार्य डूडी पम्प के पीछे बंगला नगर बीकानेर
9413082351