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 भीषण सडक़ दुघर्टना में अनूपगढ़ एडीजे की मौत,तीन जने घायल बीकानेर संभाग के न्यायिक हल्कों में पसरी शोक की लहर,

बीकानेर। पूगल थाना इलाके में सोमवार की सुबह नूरसर-जामसर रोड़ पर हुए भीषण हादसे में कार और सिंचाई विभाग बोलेरों की जबरदस्त भिण्ड़त में अनूपगढ़ की अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज चौधरी की मौत हो गई और तीन जने गंभीर रूप से घायल हो गये जिन्हे खाजूवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भिजवाया गया। दुघर्टना इतनी जबरदस्त थी कि दोनों गाडिय़ां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और कार की पिछली सीट पर सवार महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट सरोज चौधरी बुरी तरह लहुलुहान हो गई जिन्हे गंभीर हालात में होस्पीटल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया । दुघर्टना के दौरान रोड़ से गुजर रहे वाहन चालकों ने दुर्घटनाग्रस्त गाडियों में फंसे लोगों को बाहर निकाला और उन्हे होस्पीटल भिजवाने का बंदोबश्त किया । दुघर्टना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक घायलों को होस्पीटल भिजवाया जा चुका था। इस दुघर्टना में घायल हुए अनूपगढ़ कोर्ट के कर्मचारी की हालात भी गंभीर बताई जा रही है।  जानकारी के अनुसार एडीजे चौधरी के कार ड्राइवर की पुत्री का पेपर होने के कारण वह अवकाश के चलते जयपुर गया हुआ था। एडीजे चौधरी को निजी कार्य होने के कारण उन्होंने अपर जिला एवं सेशन न्यायालय संख्या-2 के लिपिक विक्रांत को अपने साथ चलने के लिए कहा था। बताया जाता है कि सडक़ पर यातायात कम होने के कारण दोनों गाडिय़ा तेज रफ्तार में थी और आमने सामने से आ भिड़ी। दुघर्टना में दिवगंत हुई एडीजे चौधरी मूलत: वैशालीनगर जयपुर की निवासी है और बीकानेर में इनका पीहर हैं।
उनके रोहित व हेमंत दो पुत्र है, एक पुत्र ने दो दिन पूर्व एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। हादसा होने के कारण एडीजे चौधरी अपने पुत्र की सफलता पर उन्हें मिलकर शुभकामनाएं भी नहीं दे पाई। बताया जाता है कि पारिवारिक कारणों के चलते एडीजे चौधरी सोमवार को बीकानेर जा रही थी। लेकिन दुर्भाग्य से सडक़ हादसे का शिकार हो गई। इस दुर्घटना में महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट की दुखद मौत हो जाने की खबर से बीकानेर संभाग के न्यायिक हल्कों में शोक की लहर पसर गई।  एडीजे चौधरी के पिता बीकानेर में लॉ कॉलेज के लेक्चरर है, पिता का सपना पूरा करने के लिए चौधरी ने उन्हीं के कॉलेज में लॉ की पढ़ाई पूरी की।जिसके बाद एक मजिस्ट्रेट के रूप में अगस्त 2002 में न्यायिक क्षेत्र में ज्वाइन किया। इसके बाद 9 अगस्त 2017 को वह एडीजे बनी और पिछले लगभग एक वर्ष से वह कस्बे के अपर जिला एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-एक में एडीजे के रूप में कार्य कर रही थी। इसी के साथ नवसृजित एडीजे कोर्ट संख्या-दो का अतिरिक्त चार्ज भी इन्हीं के पास था।

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