बीकानेर शहर में कोटगेट स्थित रेलवे फाटकों की समस्या का स्थाई समाधान एक मात्र रेलवे बाय पास ही है।1980 से आज तक कल्ला जी शहर के इस नासूर का स्थाई समाधान क्यों नहीं निकाल पाए।
आईरा समाचार ,एडवोकेट मोहबत अली तंवर,बीकानेर शहर में कोटगेट स्थित रेलवे फाटकों की समस्या का स्थाई समाधान एक मात्र रेलवे बाय पास ही है। क्या वास्तव में शहर के तथाकथित जनता के रहनुमा कोटगेट के रेल्वे फाटकों की समस्या का निदान करना चाहते हैं।1980 से आज तक कल्ला जी शहर के इस नासूर का स्थाई समाधान क्यों नहीं निकाल पाए।पिछले दिनों दिनांक 26 अप्रैल को सम्राट विक्रमादित्य और बेताल की कहानियों की तरह एक मर्तबा फिर शहर के कुछ नेतागण कोटगेट के रेलवे फाटकों की समस्या के हल के लिए जिलाधीश बीकानेर को ज्ञापन देने पहुंच गए।
ज्ञापन देने जाने से पूर्व प्रिंट मीडिया और टी वी मिडिया के सामने इन नेताओं द्वारा हाथ उठा उठा कर नारे लगाए गए ?
जिलाधीश बीकानेर को ज्ञापन देते हुए भी फोटो खिंचवाए गए ? इन नेताओं का यह प्रदर्शन बिना कारतूस फायर करने का असफल कमाल था ।यह क्लेम किया गया कि कांग्रेस सरकार ने इन फाटकों की समस्या के लिए अंडर ब्रिज बनाने और एलिवेटेड रोड के लिए अपने कार्यकाल के अंत में 35 करोड़ रूपए सैंक्शन किए थे ।नारे लगाए जा रहे थे कि वह काम किया नहीं जा रहा है ।बी डी कल्ला जी का राजनैतिक इतिहास सन 1980 से शुरू हो गया था ? वे राजस्थान के पावरफुल मिनिस्टर रहे, कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने, नेता प्रतिपक्ष रहे ।अब सवाल ये उठता है। कि यदि वे वाकई शहर की इस नासूर रूपी समस्या का हल करना चाहते थे तो क्या यह काम एक पावरफुल मंत्री द्वारा नहीं किया जा सकता था ?
बी डी कल्ला ने सन 2003 में अपने कार्यकाल के अंत में जाते जाते इन फाटकों को हटाने के लिए 61 करोड़ रुपए स्वीकृत किए ।
यह कहा गया कि वसुन्धरा राजे सिंधिया ने यह पैसा कोटा भेज दिया ।
जनता के बीच चर्चा की जा रही है कि बी डी कल्ला को शहर की इस नासूर रूपी समस्या का ध्यान अंत में ही क्यों आता है।
सन 2008 से 2013 के बीच कांग्रेस सरकार थी, बीकानेर शहर में यू आई टी चेयरमैन कांग्रेस के नेता मकसूद अहमद को बना दिया गया, लेकिन इन पांच सालों में किसी को भी रेल्वे फाटक याद नहीं आया।
अभी सन 2018 में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बन गई लेकिन क्या वजह है कि आखिरी समय में सन 2023 के अंत में रेलवे फाटक की याद आई।
अब पूर्व मिनिस्टर बी डी कल्ला जी का कहना है कि एलिवेटेड रोड और अंडर ब्रिज के लिए उन्होंने 35 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए थे लेकिन किसी कांट्रेक्टर ने इस कार्य के लिए टेंडर कोट ही नहीं किया।
तो क्या अब इस समस्या का सही निदान अंडर ब्रिज ही है।
क्या बीकानेर की जनता के इन रहनुमाओं ने कभी सोचा है कि बरसात के वक्त इन अंडर ब्रिज का पानी क्या जनता के लिए जानलेवा नहीं होगा ? क्या यह अंडर ब्रिज कामयाब हो सकता है।क्या रानी बाजार में बनाया गया अंडर ब्रिज कामयाब है ? पिछले दिनों सीवर लाइन का पानी ही आने से जनता परेशान हो गई थी।बीकानेर शहर के बीच से रेलवे लाईन हटाने और बाय पास बनाने का आंदोलन जन संघर्ष समिति द्वारा सन 1991 से चलाया जा रहा है । शहर में रेल को कई मर्तबा रोका गया !तत्कालीन रेल मंत्री श्री जाफर शरीफ़ और राजस्थान के मुख्य मंत्री श्री भैरों सिंह शेखावत ने खुद ने उस वक्त मौका देखा और बाय पास को ही स्थाई समाधान माना गया था।
सन 2003-04 में रेलवे द्वारा अपनी पिंक बुक में बीकानेर रेलवे बाय पास को बनाने का लिखा है, इसी के साथ सन 2005 में बाय पास के लिए आने वाली जमीनों के अवाप्ति के आदेश भी जारी किए गए हैं !
इतना ही नहीं National Highway Authority ने कोटगेट पर अंडरब्रिज और एलिवेटेड रोड को तकनीकी रूप से सही नहीं माना है।
ऐसे में इन फाटकों की समस्या का रेलवे बाय पास को ही सही हल माना गया है।
राजस्थान के मुख्य सचिव एस अहमद ने सन 2011 में इन फाटकों की जगह पर अंडर ब्रिज और एलिवेटेड रोड का बनाया जाना तकनीकी रूप से सही नहीं माना था, उन्होंने लिखित में कॉमेंट्स दिए हैं जो रेलवे बीकानेर की फाईल में मौजुद है।
राजस्थान उच्च न्यायालय में भी वर्तमान समय में इन फाटकों पर अंडर ब्रिज और एलिवेटेड रोड ना बनाए जाने के लिए याचिका दायर की हुईं है, जो अभी भी विचाराधीन है।यह हकीकत है कि यदि इन फाटकों पर अंडर ब्रिज और एलिवेटेड रोड बना दिया गया तो भविष्य में बीकानेर शहर के लिए यह कार्य बेहद घातक सिद्ध हो सकते हैं और कोढ़ में खाज का काम साबित होने के पूरे शत प्रतिशत चांस हो जायेंगे।भारत सरकार ने बीकानेर शहर के रेलवे स्टेशन के सौंदर्यकरण के लिए करीबन 500 करोड़ स्वीकृत किए हैं, क्यों नहीं इन पैसों से इन फाटकों को हटा कर शहर को खूबसूरत बनाया जाए। बीकानेर शहर के इन फाटकों को हटा कर बाय पास बनाया जाना ही इस समस्या का सही हल है।बीकानेर शहर के विद्यायक जेठा नन्द ब्यास और नए सांसद को मिल कर जनहित में रेल्वे बाय पास ट्रैक के लिए प्रयास करना चाहिए
विनित आर के दास गुप्ता, एडवोकेट
पूर्व विद्यायक, अध्यक्ष, जन संघर्ष समिति
बीकानेर !