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26 मई को देवीसिंह करेंगे हल्ला बोल, अघोषित विद्युत कटौती, पेयजल समस्या एवं बढ़ती चोरी की वारदातें मुख्य मुद्दे, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा पत्र

बीकानेर। जनमुद्दों को लेकर पूर्व सिंचाई मंत्री देवीसिंह भाटी एक बार फिर एक्टिव मोड पर है। सोशल एक्टिविस्ट डूंगरसिंह तेहनदेसर ने बताया कि बीकानेर ग्रामीण अंचल में अघोषित विद्युत कटौती, पेयजलापूर्ति एवं बढ़ती चोरियों को लेकर पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है इसके साथ ही पत्र की प्रतिलिपि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री, केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री, मुख्य सचिव राजस्थान सरकार, पंचायतीराज मंत्री राजस्थान सरकार, प्रमुख शासन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा, सम्भागीय आयुक्त बीकानेर, महानिरीक्षक पुलिस रेंज बीकानेर, जिला कलक्टर बीकानेर एवं पुलिस अधीक्षक बीकानेर प्रेषित की है। पत्र में भाटी ने अवगत करवाया है कि गत दो माह से ग्रामीणों को अघोषित विद्युत कटौती की मार झेलनी पड़ रही है। प्रायः हर कार्य बिजली पर निर्भर हो गया है राज्य सरकार ने ग्रामीण अंचल में 24 घण्टे बिजली देने का वादा किया था पर कोयले की कमी के कारण ग्रामीणों को पर्यापत बिजली नहीं मिल पा रही है। ग्रामीण क्षेत्र मे कृषि कुएं, चिकित्सालय, निजी अस्पताल एवं छोटे मोटे दुकानदार की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है। विद्युत कटौती से पेयजलापूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है जिस कारण ग्रामीणों को 500 से 800 रुपये तक देने पड़ रहे है, गरीब वैसे ही संकट में है पैसे से पानी नहीं खरीद सकता है। भाटी ने तर्क दिया कि 10-15 वर्ष पूर्व पेयजल स्त्रोतों पर विद्युत कटौती से निपटने के लिए डीजल जनरेटर सेट स्थापित किये गए थे वो भी कहा गायब हो गए पता नहीं। जलदाय विभाग या अकाल राहत विभाग से निःशुल्क पानी के टैंकर की व्यवस्था की जाती थी वह व्यवस्था भी बन्द के बराबर है। ऐसा संकट 20-25 वर्षों में देखा ही नहीं ऐसा लगता है जैसे सरकार एवं प्रशासन है ही नहीं। भाटी ने आगे बताया कि जिले में पशु चारे को लेकर भी भारी संकट है खुले बाजार में 1200 रुपये से लेकर 1300 रुपये किंवटल महंगा चारा खरीदकर पशुपालक अपनी गाय एवं पशु नहीं पाल सकता है। ग्रामीणों ने ऊंट एवं ऊंटनी खुले छोड़ दिये है जिससे जिले में इनकी संख्या नगण्य हो रही है, भेड़ बकरी कीमती पशु धन हेतु के लिए सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था या प्रावधान नहीं हो रहा है। भाटी ने सुझाव दिया कि प्रतिवर्ष गर्मी या अकाल होने पर कंटीजेंसी राशि (आकस्मिक) अकाल राहत एवं जलदाय विभाग द्वारा रियायती दर पर जल एवं पशुचारे की व्यवस्था की जाती थी को राज्य सरकार तत्काल प्रभाव से शुरू करे। भाटी ने लिखा है कि मनरेगा में 48 डिग्री तापमान में मजदूर द्वारा काम किया जाना सम्भव नहीं है इसलिए समय में जनहित में बदलाव किया जाए, भाटी ने कहा हमारे गांव में कहावत है 12 बजे दिन में दाह संस्कार के लिए लाश भी घर से नहीं निकालते तो इस भयंकर गर्मी में मजदूर का शोषण क्यों? उन्होंने सुझाव दिया कि अगले दो माह कार्य समय सुबह 6 से 11 बजे तक का ही रखा जाए। अवैध हथियारों को रखने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है जिसके लिए पुलिस बधाई की पात्र है ऐसी ही सजगता ग्रामीण क्षेत्र मे हो रही लगातार चोरियों पर पुलिस दिखाए चोर पकड़े, बरामदगी करवाये तब कोई बात हो। देवीसिंह भाटी ने पत्र के माध्यम से स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि उनके सुझाये गए बिंदुओं पर आवश्यक कार्यवाही करावे नहीं तो 26 मई 2022 को दिन के 12 बजे जिला कलक्टर कार्यालय पर हल्ला बोलकर सरकार प्रशासन से जवाब तलबी की जाएगी जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार एवं प्रशासन की होगी।

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