बेटी को कोख में ही मत मारो हमको दो, बेटी नहीं बचाओगे तो तो बहू कहां से लाओगे,एक मार्मिक अपील ठाकुर दिनेश सिंह भदौरिया की ओर से जन हित में जारी
बेटी को कोख में ही मत मारो हमको दो, बेटी नहीं बचाओगे तो तो बहू कहां से लाओगे,एक मार्मिक अपील ठाकुर दिनेश सिंह भदौरिया की ओर से जन हित में जारी
आईरा बीकानेर । केवल बीकानेर संभाग ही नहीं सम्पूर्ण देश वासियों से एक मार्मिक अपील बड़ा ही दिल द्रवित हो रहा है स्वस्थ्य शरीर से कलेजा फट कर बाहर आने को आतुर है अरे मेरे प्यारे भाइयों बहनों अथवा अन नव यूवक, युवतियों जवानी के जोश में गलती कर बैठे नौजवानों या बालिका को नही चाहने वाले माता पिताओं से आपका अनुज भाई ठाकुर दिनेश सिंह भदौरिया आज फिर एक बार बड़े ही दुखी मन से आग्रह सहित मार्मिक अपील करता हूं जब अक्सर सुनने को मिल रहा है कि किसी नाली या नाले में कचरे के ढेर में सड़क के किनारे पूर्ण विकसित बालिका या बालक का भ्रूण संभवत वह जिंदा भी हो सकता है* मगर उस नवजात को नही चाहने वाले या जवानी के जोश में भटके युवा युवतियों द्वारा अनचाहे गर्भ के ठहरने के बाद गुप्त रूप से कही ना कही निजी अस्पतालों अवैध रूप से प्रसव कराने वाले लोगों की मदद से बच्चे पूर्ण विकसित बच्चे की गर्भ में ही मरवा देते हैं या जिंदा पैदा होता है तो येन केन प्रकार न चाहे बालक हो या बालिका उसे नाले के किनारे सड़क के किनारे सुनी सड़क पर कचरे के ढेर पर जिंदा ही फेंक देते हैं और वह मर भी जता है यह अमानवीय कृत्य है हम किसी भी युवा युवती भाई बहन की ये मान्यता नहीं देते हैं कि ये कृत्य सही है पर फिर भी अगर जवानी की भूल या लड़की को नही चाहने वाले आज इक्कीसवीं सदी में भी बहुत लोग है जो नव जात लड़कियों को जिंदा ही सड़कों पर मरने को फेंक देते हैं आज यह मार्मिक अपील करते हुए आग्रह कर रहा हूं सरकारों के द्वारा भी अस्पतालों में पालना ग्रह या जानना वार्डों के बाहर पालने तक इसी लिए ही लगवा रखे हैं कि कृपया जिंदा बालक बालिकाओं को या अनचाहे बच्चों को जब आपने जन्म दे ही दिया है तो उसे खुले में मत मारो…