जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां-शीर्षक से रंगारंग गीत संगीत व नृत्य का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां – मेघराज
आईरा समाचार बीकानेर। स्थानीय टाउन हॉल में दिनांक 1/1/20-24 सोमवार की शाम ‘अपने यहीं दोनों जहां, इसके सिवा जाना कहाँ’ शीर्षक से रंगारंग गीत संगीत व नृत्य का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्री विश्वकर्मा नाट्य संगीत कला संस्थान के अध्यक्ष मेघराज नागल ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि हमारी संस्था द्वारा सालाना नववर्ष के आगमन पर एक जनवरी की तारीख को पिछले कई वर्षों से यह गीत संगीत का रंगारंग नई प्रतिभाओं को आगे लाने व संगीत प्रेमियों के लिये कार्यक्रम आयोजित करतीं आ रही हैं, इसी कडी मे इसका आयोजन किया गया । कार्यक्रम जाने माने समाजसेवी और उधोगपति रामरतन धारणियां की अध्यक्षता व भाजपा नेता ,पूर्व पार्षद डॉक्टर मीना आसोपा तथा पूर्व पार्षद सुनील बांठिया की सयुंक्त विशिष्ट आतिथ्य मे सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विशेष मेहमान के तौर पर के. के. सोनी, हेमलता माथुर, सुशील यादव, सैय्यद अख्तर, भवानी आचार्य, के. कुमार आहूजा, दिनेश सिंह भदौरिया, संतोष सोनी, राधाकृष्णन सोनी, सुनील दत्त नांगल, भरत प्रकाश श्रीमाली (भाया महाराज), अंनत लाल, विजय स्वामी, मुनिन्द्र अग्निहोत्री,राजेश सांखला, अशोक तंवर एवं शिव दाधीच सहित आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर चारु लता स्वामी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम का शीर्षक गीत मेघराज नागल द्वारा जीना यहाँ मरना यहाँ, इसके सिवा जाना कहाँ की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम के चार चांद लगा दिये। किशोर कलाकार उदय सिंह ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या हैं।बालिका कलाकार मान्या सारस्वत ने म्हारो गोरबंद नखरालो. चारूलता स्वामी ने सत्यम शिवम सुंदर वर्षा सेनी द्वारा सिर पर बाईस मटके रख कर कांच के टुकड़ों पर राजस्थानी गानों पर सुंदर नंगे पैरों नृत्य किया गया।ओलिवर नानक ने बार बार दिन में आये हैप्पी बर्थडे टू यू कौशल शर्मा द्वारा छलकाएं जाम जाइये आपकी आंखों के नाम होंठों के नाम इस गीत की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में मौजूद संगीत प्रेमियों के बीच समा बांध दिया। सुनील शादी ने रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं राम किशोर यादव ने तेरे चेहरे में वो जादू है।चांदरतन सोनी ने पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा।वयोवृद्ध कलाकार के.के. सोनी एवं राधाकृष्णन सोनी ने भी कार्यक्रम में सदाबहार पुरानी फिल्मों के कुछ गीतों को गाकर श्रोताओं को गदगद कर दिया। कार्यक्रम के अंतिम क्षणों में कवि शिव दाधीच द्वारा कविता नहीं याद आते।मगर जब आते हैं तो अक्सर याद आते हैं। जैसी की रचना पेश कर मौजूद लोगों से खूब तालियां बटोरीं। कार्यक्रम का मंच संचालन संजूलता नानक ने किया। अंत में कार्यक्रम के आयोजक मेघराज नागल ने कार्यक्रम में आये सभी संगीत प्रेमियों और अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।